प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया. ये मन की बात का 42वां संस्करण है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कोमल ठक्कर नाम के व्यक्ति की तरफ से आए संस्कृत के ऑन लाइन कोर्स शुरू करने पर अपनी राय रखी. पीएम मोदी ने बताया, ‘कोमल जी संस्कृत के प्रति आपका प्रेम देखकर बहुत अच्छा लगा. मैंने सम्बंधित विभाग से इस ओर हो रहे प्रयासों की जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए कहा है. ‘मन की बात’ के श्रोता जो संस्कृत को लेकर कार्यरत रहते हैं, वो भी विचार करें कि कोमल जी के सुझाव को कैसे आगे बढ़ाया जाए.’
पत्रों का जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब मुझे आपके पत्रों में पढ़ने को मिलता है कि कैसे असम के करीमगंज के एक रिक्शा चालक अहमद अली ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर ग़रीब बच्चों के लिए नौ स्कूल बनवाए हैं. तब इस देश की अदम्य इच्छाशक्ति के दर्शन होते हैं.’
‘जब मुझे कानपुर के डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी की कहानी सुनने को मिली कि वो फुटपाथ पर जाकर ग़रीबों को देखते हैं और उन्हें मुफ़्त दवा भी देते हैं- तब इस देश के बन्धु-भाव को महसूस करने का अवसर मिलता है.’
‘जब उत्तरप्रदेश की एक महिला अनेकों संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक के लिए प्रेरित करती है- तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं.’
गौरतलब है कि पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं. इसका प्रसारण रेडियो के अलावा दूरदर्शन, नरेंद्र मोदी एप पर होता है. इसके अलावा फोन पर मिसकॉल के जरिए इस सुविधा को अपने मोबाइल पर उपलब्ध कराया जा सकता है. पिछले माह की मन की बात में मोदी ने वैज्ञानिकों के योगदान पर बात की थी. इसके अलावा वह कई बार बच्चों को भी सलाह देते हैं.
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