26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमला के एकमात्र जीवित बचे पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवडा जेल में फांसी दे गई। इस आतंकी हमले को 8 साल हो गए। हमले के चार साल के भीतर इस आतंकी को फांसी दे दी गई। कसाब ने फांसी पर लटकाए जाने से पहले जो कहा उससे लगा कि वह अपने किए पर शर्मिंदा था। आइए जानते हैं कसाब की लास्ट जर्नी के बारे में20 नवंबर 2012
रात 1 बजे : तीन गाडिय़ों का काफिला ऑर्थर रोड जेल से बाहर निकला। इसमें एक सफेद स्कोर्पियो भी थी। इसमें सात कमांडो भी मौजूद थे। काफिला पुणे के यरवदा जेल की ओर जा रहा था।
सुबह 4 बजे : काफिला पुणे के यरवदा जेल पहुंचा। कसाब को अंडा सेल ले जाया गया। बाहर चार गार्ड लगाए गए। डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण किया। महज पांच सौ मीटर की दूरी पर फांसी की तैयारी पूरी थी।
सुबह होने पर : डॉक्टरों ने कसाब की फिर जांच की। वजन, ऊंचाई जैसे आंकड़े लिए। दिन में उसे नाश्ता और खाना भी दिया गया। इस बीच डॉक्टर उसके व्यवहार पर भी नजर जमाए हुए थे।
शाम को : दाढ़ी और बाल काटे गए। फिर कसाब ने स्नान किया।
रात को : जेल अधिकारी ने खाने को लेकर कसाब की पसंद पूछी। कसाब ने कहा, ‘जो दोगे खा लूंगा।’ उसे रोटी, दाल और चावल दिया गया। साथ में कढ़ी और प्याज।
21 नवंबर 2012
रात 1 बजे : कसाब सोने चला गया।
सुबह 4 बजे : गार्ड कसाब को उठाने अंडा सेल पहुंचे। उससे प्रार्थना करने के बारे में पूछा गया तो उसने मना कर दिया। फिर कसाब ने सिर्फ दो कप चाय पी।
सुबह 6.30 बजे : कसाब को फांसी की जगह पर ले जाया गया। उसने एक बार फिर से माफ करने की बात की।
सुबह 7.00 बजे : डॉक्टरों ने फिर से कसाब की सेहत जांची।
सुबह 7.24 बजे : कसाब का चेहरा ढक दिया गया। उसके दोनों हाथ पीछे करके बांध दिए गए। पैर भी बांधा गया। जब उसके गले में फंदा डाला गया तो कसाब ने कहा कि ‘अल्लाह मुझे माफ करे।’
सुबह 7.30 बजे : कसाब को फांसी दे दी गई। पुणे पुलिस के कांस्टेबल बालू मोहिते ने लिवर खींचा। इससे पहले कसाब ने एक बार फिर माफी मांगी। उसने कहा कि ‘साहब एक बार माफ कर दो।’ लिवर खींचने के बाद उसे कसाब को 7 मिनट टंगे रहने दिया गया। इसके बाद एक फोटो ली गई। निगेटिव वहीं जला दिया गया।
सुबह 7.40 बजे : फंदे से कसाब का शरीर उतारा गया। डॉक्टरों ने उसकी जांच कर मृत घोषित कर दिया।
सुबह 8.00 बजे : डेथ सर्टिफिकेट पर दस्तखत किया गया।
सुबह 8.30 बजे : कसाब की लाश पास ही दफन करने के लिए ले जाई गई। मौलवी ने धार्मिक रीति रिवाज से दफन करने की प्रक्रिया पूरी की
जानें क्या थे कसाब के अंतिम शब्द
जब कसाब को फांसी दिए जाने का वक्त आया तो उसे एक खास सेल में ले जाया गया। वहां पहले से ही कुछ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उससे पूछा गया कि तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा? अपने परिजनों के लिए कुछ लिख कर (विल/वसीयत) चाहोगे? लेकिन कसाब ने दोनों का जबाब ‘ना’ में दिया। – इसके बाद उसे फांसी के लिए खड़ा किया गया। ठीक साढ़े सात बजे उसे इसके दस मिनट बाद डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया। वहां मौजूद सूत्रों के मुताबिक कसाब ने मौत से पहले कहा, ‘अल्लाह कसम, ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।’