नई दिल्ली. तमिलनाडु में कावेरी जल विवाद को लेकर अन्नाद्रमुक के प्रदर्शन के बाद आज द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के सदस्यों ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. आज सुबह से ही द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. द्रमुक के कार्यकर्ता जगह-जगह सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वे वाहनों को रोक रहे हैं. बंद के कारण राज्य की राजधानी चेन्नई समेत कई इलाकों में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है.
बता दें कि कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य के राजनीतिक दल कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे हैं. तमिलनाडु के सीएम पलनिसामी और डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने इसको लेकर मंगलवार को भूख हड़ताल की थी. वहीं किसान और व्यापारी संगठनों ने भी इस मुद्दे को लेकर बंद का एलान किया था. राज्य में इस मुद्दे को लेकर पिछले चार दिनों से प्रदर्शन जारी है.
सुप्रीम कोर्ट 9 अप्रैल को मामले पर करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट कावेरी जल विवाद के अपने आदेश पर केंद्र की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण संबंधी याचिका पर आगामी 9 अप्रैल को सुनवाई करेगा. केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन पर संबंधित राज्यों के भिन्न-भिन्न विचार हैं. कोर्ट ने बीते 16 फरवरी को कावेरी जल विवाद को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. इसमें कोर्ट ने केंद्र को कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने को कहा था, ताकि तीन दशक पुराने विवाद पर उसके फैसले का पालन सुनिश्चित हो.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी को कावेरी नदी के पानी वितरण की व्यवस्था की गई थी. इसके तहत तमिलनाडु को प्रति वर्ष 404.25 टीएमसी फुट, कर्नाटक को 284.75 टीएमसी फुट, केरल को 30 टीएमसी फुट और पुडुचेरी को सात टीएमसी फुट पानी देने की व्यवस्था दी गई थी. केंद्र ने इसी आदेश पर कोर्ट में स्पष्टीकरण याचिका दायर की है.
सत्तापक्ष व विपक्ष, दोनों के आने से राजनीति गरमाई
कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के बोर्ड गठन की बात को लेकर उठे विवाद में तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी द्रमुक दोनों एक हो गए हैं. कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन को लेकर जहां एक तरफ द्रमुक पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रहा है, वहीं बीते दिनों अन्नाद्रमुक के नेता व राज्य के मुख्यमंत्री पलनिसामी ने भी डिप्टी सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम के साथ इस मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल की. यही नहीं, सत्ता का विरोध कर रहे राज्य के लिए पानी लेने के विवाद में दोनों पार्टियों के अलावा कई अन्य दल भी आगे आए हैं. इस कारण विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है.