देश की प्रमुख सात बड़ी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर नकली दवाएं बनाने का खुलासा हुआ है। यह मामला केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के पास पहुंचा है। ये दवाएं राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी में बनाई जा रहीं थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (इंटर स्टेट सेल) और दवा नियंत्रक संगठन की टीम ने इस मामले को पकड़ा है, जिसमें हिमाचल और सिक्किम की कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था।
मामले के उजागर होने के बाद देशभर में दवा नियंत्रकों व इंस्पेक्टरों ने मेडिकल स्टोरों पर दबिश देना शुरू कर दी। एसिडिटी, दिल के रोग, पेट की बीमारियां, यूटीआइ इंफेक्शन की दवाओं को भिवाड़ी में एक कांप्लेक्स में कुछ लोग नामी फार्मा कंपनियों के नाम से तैयार कर रहे थे और उन्हें बाजार में भेजा जा रहा था।
देशभर में जारी किया अलर्ट
राजस्थान औषधि नियंत्रक ने इस मामले में सभी राज्यों से पूर्ण सतर्कता बरतने और इस संबंध में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियम 1945 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए कहा है। जगह-जगह से नमूने जांच के लिए उठाने के आदेश हुए हैं।
राज्य दवा नियंत्रक हिमाचल प्रदेश नवनीत मारवाह ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है।
इन कंपनियों के नाम का हो रहा था इस्तेमाल
दवा का नाम,कंपनी,बैच नंबर
सोमप्रैज डी-40,सन फार्मा लेबोरेट्री सिक्किम,ईएमएस1560
पैंटॉप डीएसआर,एरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,बी452जे037
पैन-40,एलकैम लेबोरेट्री सिक्किम,7133275
कैलवैम 625,एलकैम लेबोरेट्री बद्दी,7170784
टैक्सिम-ओ 200,एलकैम हेल्थ साइंस सिक्किम,7181490
पैंटोसिड डीएसआर,सन फार्मा लेबोरेट्री सिक्किम,ईएमएस2060
पैंटॉप-40,ऐरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,एस171के017
मोनोसेफ-ओ 200,एरिस्टो फार्मास्यूटिकलबद्दी,बी198एच197
मोनोसेफ-ओ 200,एरिस्टो फार्मास्यूटिकल बद्दी,बी198जे017
स्टैमिटिल एमडी,अबॉट हेल्थकेयर, पुड्डूचेरी ,केएडब्लयूबी7038
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