31 वर्षीय इस विधवा महिला का नाम किरण बाला है और उसके तीन बच्चे एक बेटी और दो बेटे हैं। उसने पहले पति से लव मैरिज की थी और हादसे में उसकी मौत हो चुकी है। वह एसजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल की ओर से बतौर तीर्थयात्री 12 अप्रैल को पाकिस्तान रवाना हुई थी। वहां 16 अप्रैल को वह गायब हो गई। वह बैसाखी मनाने भारतीय पासपोर्ट पर पाकिस्तान वीजा के साथ गई थी, जो 21 अप्रैल तक वैध है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने 16 अप्रैल को लाहौर में दारुल अलूम जामिया नईमीया में इस्लाम अपना लिया और बाद में लाहौर के हंजरवाल मुल्तान रोड के निवासी मोहम्मद आजम से निकाह कर लिया। उसने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिख अनुरोध किया है कि मेरे वीजा की अवधि बढ़ाई जाए। आवेदन में उसका नाम आमना बीबी लिखा है।
13 साल पहले किया था प्रेम विवाह
महिला के ससुर तरसेम के मुताबिक, करीब 13 वर्ष पहले 2005 में उसके बड़े बेटे नरिंदर सिंह ने दिल्ली में काम करते समय वहां की रहने वाली किरन बाला से प्रेम विवाह किया था। 2015 में उनके बेटे नरिंदर सिंह की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। किरण तीनों बच्चों के साथ ससुराल में ही रहती थी। तरसेम ने अंदेशा जताया कि शायद सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये वह पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में आई होगी।
वहीं बच्चों का कहना है कि करीब डेढ़ दो माह से उनकी मां के पास काफी फोन आते थे और वह घंटों कमरे में बंद होकर बातें करती रहती थीं। किरण के परिवार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की है कि वह किरण को वापस लाने में उनकी मदद करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री से भी अपील की है कि किरण को वहां से वापिस लाया जाए। इससे पहले कि आईएसआई उसका फायदा उठाए।
एसजीपीसी ने जानकारी होने से किया इंकार
इस संबंध में जब एसजीपीसी सदस्य डॉ. जंग बहादर सिंह राय, बीबी रणजीत कौर माहिलपुर तथा सुरिंदर सिंह भुलेवाल राठां से बात की तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है। वैसे एक सदस्य सात तीर्थयात्रियों की सिफारिश कर सकता है। वहीं डीएसपी गढ़शंकर ने भी मामले के बारे में कोई जानकारी होने से इंकार किया है।