भारत के चिर प्रतिद्वंदी देश पाकिस्तान की लाहौर कोर्ट ने एक भारतीय महिला की अर्जी पर तीन दिन के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं. लाहौर हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को कहा है कि वह पाकिस्तानी नागरिकता और अपने वीजा की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली भारतीय महिला की अर्जी पर तीन दिन के भीतर निर्णय करे. दरअसल, यह भारतीय महिला सिखों के त्यौहार वैसाखी मोहत्सव में शामिल होने पाकिस्तान आई थी, लेकिन इस बीच उसने पाकिस्तान के एक युवक से शादी कर ली और इस्लाम धर्म अपना लिया.
इसके बाद महिला ने वहां की अदालत से गुहार लगाई है कि उसे पाकिस्तान की नागरिकता दी जाए, उन्होंने दलील दी है कि ‘मैं एक पाकिस्तानी व्यक्ति से निकाह करके पाकिस्तान में रहना चाहती हूं. मैं यहां पर अपने पति के साथ बहुत खुश हूं और वापस नहीं जाना चाहती. मैंने इस्लाम अपना लिया है और मेरा नया नाम आमना है., ‘एक पाकिस्तानी व्यक्ति से विवाह करने के बाद मैं पाकिस्तानी नागरिकता कानून 1951 की धारा 10 (2) के तहत नागरिकता प्राप्त करने की हकदार हूं.’
स्थानीय खबर के अनुसार लाहौर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जवादुल हसन ने गृह मंत्रालय को आमना बीबी (किरण बाला) की अर्जी पर आगामी सोमवार तक निर्णय करने के लिए कहा जिसमें उसने पाकिस्तानी नागरिकता और अपने वीजा की अविध बढ़ाने का अनुरोध किया है.’ आपको बता दें कि पंजाब के होशियारपुर जिला निवासी मनोहर लाल की पुत्री किरण बाला (आमना बीबी) बैसाखी महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए गत 12 अप्रैल को एक विशेष ट्रेन से लाहौर आई थी. महिला ने यहां की अपनी यात्रा के दौरान इस्लाम अपना लिया और लाहौर के हिंगरवाल निवासी एक व्यक्ति से 16 अप्रैल को निकाह कर लिया था.
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