हर इंसान के मन में कोई न कोई कामना जरूर होती है और जब उसकी कामना पूरी नहीं हो पाती, तो वह भगवान की शरण में चले जाता है और पूजा अर्चना में लग जाता है। लेकिन यह जरूरी तो नही कि आप भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं, वह फलदायी ही हो। जी हां आमतौर पर हम जो पूजा-अर्चना करते हैं, उसका फल हमें नहीं मिल पाता। जिसकी वजह से आप निराश हो जाते हैं, अब आपको निराश होने कि जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको पूजा करने के दौरान कुछ ऐसी बातों से अवगत कराने जा रहे हैं, जिन्हे करने के बाद निश्चित ही आपकी मनोकामना पूरी होगी। तो चलिए जानते है पूजा करने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
घर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होगा, तो बहुत शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव ना हो, तो पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा में होगा तब भी श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।
घर में मंदिर ऐसे स्थान पर बनाया जाना चाहिए, जहां दिनभर में कभी भी कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी अवश्य पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आती रहती है, उन घरों के कई दोष स्वत: ही शांत हो जाते हैं। सूर्य की रोशनी से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।
पूजा में बासी फूल, पत्ते अर्पित नहीं करना चाहिए। स्वच्छ और ताजे जल का ही उपयोग करें। इस संबंध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि तुलसी के पत्ते और गंगाजल कभी बासी नहीं माने जाते हैं, अत: इनका उपयोग कभी भी किया जा सकता है। शेष सामग्री ताजी ही उपयोग करनी चाहिए। यदि कोई फूल सूंघा हुआ है या खराब है तो वह भगवान को अर्पित न करें।