देश का पहला स्मार्ट एक्सप्रेस-वे, देश का पहला हाईव जहां सोलर प्लांट और वर्टिकल गार्डन जैसी सुविधाएं दी गई हैं. यही नहीं देश का पहला 14 लेन का हाईवे. आज से यह पब्लिक के लिए खुल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के निजामुद्दीन ब्रिज से इसका उद्घाटन किया. उत्तर प्रदेश के बागपत में भी पीएम मोदी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की बात करें तो यह देश का पहला स्मार्ट और सोलर एनर्जी से लैस एक्सप्रेस-वे है. पिछले दिनोंके उद्घाटन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे अथॉरिटी को फटकार लगाई थी और इसे 1 जून तक खोलने का निर्देश दिया था.
सोलर एनजी से रोशन होगा ईपीई
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे 135 किलोमीटर लंबा है. यह हरियाणा के सोनीपत और पलवल को जोड़ता है. इसकी लागत 11 हजार करोड़ है. इस पर चार सोलर प्लांट लगाए गए हैं. रात में यह रोड सोलर एनर्जी से ही रोशन होगा.
दिल्ली-मेरठ का सफर 45 मिनट में पूरा होगा
मोदी निजामुद्दीन में जिस एक्सप्रेसवे का उद्दघाटन करेंगे वह दिल्ली से मेरठ को जोड़ेगा. यह 96 किलोमीटर लंबा है. इससे दिल्ली से मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाने वालों को जाम से निजात मिलेगी. दिल्ली-मेरठ का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा होगा. इसे बनाने में 841 करोड़ लागत आई है.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की खासियत
इस हाईवे पर बने यमुना ब्रिज के दोनों ओर सोलर सिस्टम लगे हैं. यह देश का पहला ब्रिज होगा, जिस पर वर्टिकल गार्डन, सोलर पावर सिस्टम और ड्रिप सिंचाई के इंतजाम होंगे. यह छह लेन का हाईवे है. इसके दोनों तरफ 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक और 1.5 मीटर चौड़ा पैदल यात्रियों का ट्रैक है. हाईवे का पहला चरण निजामुद्दीन से उत्तर प्रदेश गेट, दूसरा चरण उत्तर प्रदेश गेट से डासना, तीसरा चरण डासना से हापुड़ और चौथा चरण डासना से मेरठ में बना. यह रिकॉर्ड 17 महीने में बनकर तैयार हुआ है.
ईपीई हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 6 शहरों को जोड़ेगा
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे सोनीपत के कुंडली, बागपत, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और पलवल को जोड़ता है. यह सोलर पावर से लैस देश का पहला एक्सप्रेस-वे है. इसमें 8 सोलर प्लांट बनाए गए हैं, जिनमें 4 हजार किलोवॉट बिजली पैदा होगी. 100% लाइट इसी से जलेंगी. हर 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बने हैं. इस पर सुरक्षा के विश्व स्तरीय इंतजाम हैं. स्मार्ट एंड इंटेलिजेंट हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) और वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (वीआईडीएस) लगाए गए हैं. इस पर 2.5 लाख पौधे लगाए गए हैं. ड्रिप इसके दोनों तरफ बने गार्डन में ड्रिप सिंचाई का इंतजाम है. एक्सप्रेस वे कुतुबमीनार, हवामहल, इंडिया गेट, लालकिला, चार मीनार, जलियांवाला बाग, अशोकचक्र, कीर्ति स्तंभ समेत 36 स्मारकों की प्रतिकृति लगाई गई हैं. कोशिश की गई है कि सड़क पर चलते वक्त सभी राज्यों की झलक दिखे. इस पर 40 फाउंटेन भी हैं.
हिमाचल-राजस्थान वालों को मिलेगी सौगात
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद अगर हिमाचल प्रदेश या राजस्थान से हरियाणा जाना चाहता है तो उसे दिल्ली में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा. इस रोड के शुरू होने से दिल्ली में रोजाना 50 हजार वाहनों का दबाव कम होगा. प्रदूषण का स्तर 27% तक गिरने की उम्मीद है.
2006 में शुरू हुई थी एक्सप्रेसवे की प्लानिंग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के आसपास ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की प्लानिंग 2006 में ही शुरू हुई थी. दिल्ली को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिल्ली के बाहर रिंग रोड बनाने का आदेश दिया था.