शनिवार को मुंबई क्रिकेट को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब एक निजी न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में उसके पूर्व रणजी क्रिकेटर रॉबिन मॉरिस का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया।
इस स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद्( आईसीसी) ने पिच फिक्सिंग की जांच भी शुरू कर दी। इसमें पूर्व रणजी क्रिकेटर रॉबिन मॉरिस का नाम सामने आने के बाद से ही मुंबई के क्रिकेटर सकते में हैं।
हालांकि रॉबिन के साथ घरेलू क्रिकेट खेल चुके उनके साथी खिलाड़ी इस मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। वहीं मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन(एमसीए) ने साफ किया कि, उन्हें अभी तक न तो बीसीसीआई और न ही आईसीसी से किसी तरह के निर्देश मिले हैं।
दरअसल निजी न्यूज चैनल अल जजीरा ने अपने स्टिंग में ये दावा किया है कि रॉबिन मॉरिस ने पिछले साल श्रीलंका के गॉल में हुए टेस्ट में पिच बदलने के लिए ग्राउंड्समैन को घूस दी थी।
शनिवार को एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस डॉक्यूमेंट्री के हवाले से ये दावा किया कि एक स्पॉट फिक्सर ने श्रीलंका के गॉल मैदान पर तैनात एक ग्राउंड्समैन को पिच में छेड़छाड़ के लिए घूस की पेशकश की थी। इस डॉक्यूमेंट्री में ऐसा दावा किया गया है कि, पैसों के एवज में मैदान पर तैनात कर्मचारी बदलाव के लिए तैयार था। 2016 का ये टेस्ट श्रीलंका-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था।
इस मैच में मेहमान टीम 106 और 183 रन पर आउट हो गई थी और तीन दिन के भीतर ही 229 रन से मैच हार गई थी।
ऐसा रहा मॉरिस का क्रिकेट सफर-
ऑलराउंडर रॉबिन मॉरिस ने शारदाश्रम स्कूल की तरफ से खेलते हुए मुंबई के स्कूल क्रिकेट में अपना नाम बनाया था। उस वक्त रमाकांत अचरेकर कोच थे। स्कूल क्रिकेट से मॉरिस ने मुंबई टीम का रास्ता तय किया और 42 फर्स्ट क्लास मैच खेले। इस दौरान मॉरिस ने 1358 रन और 76 विकेट अपने नाम किए।
रॉबिन ने अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच 2004 की ईरानी ट्रॉफी में रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ मोहाली में खेला था। जहां उन्होंने पहली पारी में 6 विकेट झटके थे। मगर उस मैच में फील्डिंग के दौरान कंधे में चोट लग गई थी। मगर सर्जरी के बाद वो फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेल पाए। उस वक्त मॉरिस 27 साल के थे।
वहीं रॉबिन ने मुंबई के लिए अपना आखिरी मैच वेस्ट जोन इंटर स्टेट T-20 टूर्नामेंट में 2007 में खेला था। जहां उन्होंने रहाणे के साथ पारी की शुरुआत की थी और रोहित शर्मा तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। इसके बाद वो इंडियन क्रिकेट लीग यानी ICL में खेलने लगे। इसके बाद लीग को लेकर काफी विवाद हुआ।
बाद में मॉरिस ने लीग को बाय-बाय कर दिया। इसी दौरान मॉरिस ने भारत पेट्रोलियम में अपनी अच्छी खासी नौकरी भी छोड़ दी। उन्होंने बीपीसीएल के लिए अपना आखिरी मैच बीसीसीआई की कॉरपोरेट ट्रॉफी में 2009 में खेला था।
मॉरिस की नौकरी छोड़ने के पीछे भी कई वजहें सामने आई थीं। मुंबई के उनके एक पुराने साथी खिलाड़ी ने बताया कि, मॉरिस ने इसलिए नौकरी छोड़ी क्योंकि फर्स्ट क्लास करियर खत्म होने के बाद बीपीसीएल उससे फुल टाइम काम करवाना चाह रही थी।
आईसीएल खत्म होने के बाद मॉरिस मुंबई क्रिकेट सर्कल में कम ही देखे जाते थे। पिछले महीने 9 अप्रैल को वर्सोवा वेलफेयर हाई स्कूल के पास उसने एक क्रिकेट कोचिंग क्लीनिक शुरू की थी। मगर मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद मॉरिस ने अपना फेसबुक पेज डिलीट कर दिया है।