विशेष अवसरों पर राष्ट्रगान बजाए जाने के संबंध में दिशानिर्देश तैयार कराने के बारे में राज्य सरकारों ने अभी तक अपना जवाब नहीं सौंपा है। अंतर-मंत्रालयी समिति ने राज्यों से दिशानिर्देश तैयार करने पर सुझाव मांगा था।
सिनेमा हालों में राष्ट्रगान बजाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच दिसंबर 2012 को अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गई थी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने सभी राज्य सरकारों को करीब दो माह पहले पत्र भेजा था। उनसे राष्ट्रगान या उसकी धुन बजाए जाने के अवसरों और परिस्थितियों के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने पर राय मांगी गई थी। अभी तक किसी राज्य ने पत्र का जवाब नहीं भेजा है।’
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अक्टूबर 2017 में कहा था कि लोगों को जबरन देशभक्ति प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। राष्ट्रगान के समय यदि कोई खड़ा नहीं होता है तो उस महिला या पुरुष की देशभक्ति को कम नहीं माना जा सकता है।
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