भाजपा की एक से 15 जून तक आयोजित होने वाली ग्राम चौपाल में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी की रिपोर्ट तैयार हो रही है। भाजपा ने संगठन के पदाधिकारियों से लेकर सांसद, विधायक और मंत्रियों के लिए ग्राम चौपाल में जाना सुनिश्चित किया, लेकिन यह खबर मिली है कि कुछ जनप्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। भाजपा ऐसे लोगों से जवाब-तलब करेगी।
ग्राम स्वराज अभियान में भाजपा को जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और पात्रों को मिलने वाले लाभ की हकीकत पता चली। इसके बाद भाजपा ने दूसरे चरण में ग्राम चौपाल अभियान की शुरुआत की। तय हुआ कि एक जून से 15 जून तक प्रत्येक सेक्टर स्तर पर केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभार्थी सम्मेलन आयोजित किया जाए।
इस कार्यक्रम के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल को समन्वयक बनाया गया। गोविंद दावा करते हैं कि मंगलवार तक आठ हजार चौपाल आयोजित की गई। इस कार्यक्रम से जनप्रतिनिधि और लाभार्थियों के बीच संवाद स्थापित हो रहा है और समस्याओं के समाधान की नई राह खुली है।
एक-एक जनप्रतिनिधि को औसत चार-चार चौपाल में जाना तय किया गया, लेकिन कुछ लोग इससे अधिक चौपालों में भी शामिल हुए। यह भी पता चला कि कई विधायक चौपाल में शामिल नहीं हुए। भाजपा मुख्यालय में उनकी रिपोर्ट पहुंची है। 15 जून के बाद इस कार्यक्रम की विधिवत समीक्षा होगी।
संगठन स्तर पर यह तैयारी हो रही है कि जो भी जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में नहीं गए होंगे, उन्हें कारण बताओ नोटिस दी जाएगी। चूंकि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है इसलिए पार्टी इसको लेकर गंभीर है।
सरकार और संगठन के स्तर पर इस आयोजन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चार जिलों में ग्राम चौपाल में शामिल हुए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल इसकी नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। भाजपा इस चौपाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों का हौसला भी बढ़ाएगी।
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