मुंबई: क्रिकेट के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर न सिर्फ खिलाडिय़ों के लिए अहम होती है, बल्कि क्रिकेट से जुड़े सभी लोग सचिन की बात को ध्यान से सुनते भी हैं और उसपर अलम भी करते हैं। अब सचिन ने वनडे में दो नई गेंद इस्तेमाल करने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानि आईसीसी के नियम को तबाही का साधन करार दिया है।
सचिन का यह बयान हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच वनडे में बने सर्वोच्च स्कोर के बाद आया है। इंग्लैंड ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे मैच में 6 विकेट पर 481 रन का वनडे इतिहास का सर्वोच्च स्कोर बनाया था। अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट पर 312 रन का विशाल स्कोर बनायाए जिसे मेजबान टीम ने 44.4 ओवर में ही हासिल कर लिया।
सचिन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखाए वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल तबाही के साधन जैसा है। गेंद को इतना समय ही नहीं मिल पाता है कि रिवर्स स्विंग मिल सके। हमने डैथ ओवरों में काफी समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी है। आईसीसी ने अक्टूबर 2011 में ही वनडे में दो नई गेंदों का प्रयोग शुरू किया था। इस मामले में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार युनूस ने सचिन का समर्थन किया है।
उन्होंने लिखा कि यही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते। सभी रक्षात्मक खेलते हैं। सचिन की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं। रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है। आईसीसी ने अक्टूबर 2011 में अपने नियमों में संशोधन कर वनडे क्रिकेट में यह नियम लागू किया था। इस नियम के तहत दोनों छोरों से दो अलग-अलग नई बॉल का इस्तेमाल किया जाता है जिसके चलते एक पारी में दोनों गेंद से 25-25 ओवर फेंके जाते हैं।
पहले एक ही गेंद से 50 ओवर पूरे किए जाते थे तो बॉल को रिवर्स स्विंग मिलती थी और स्पिनर्स के लिए भी बॉल सपॉर्टिंग रोल निभाती थी। लेकिन 2 बॉल के नियम से अब वनडे क्रिकेट में रिवर्स स्विंग और स्पिन की कला लुप्त होती जा रही है।
आईसीसी जब यह नियम लाई थी तब बीसीसीआई ने इन बुनियादी बातों पर ध्यान दिलाते हुए इस नियम का विरोध किया था। लेकिन आईसीसी वनडे क्रिकेट को बैट्समैन फ्रें डली गेम बनाना चाहता था और उसने इस नियम को मान्यता दी। अब जब वनडे क्रिकेट में बोलर्स के लिए कुछ नहीं बच रहा है तो महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और वकार युनूस ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है।