बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से काले धन को सफेद करने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से बैंक शाखाओं और करेंसी चेस्ट में लगे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग को संभाल कर रखें। काले धन को सफेद करने और नोट की अवैध अदला बदली के कई मामले सामने आने के बाद आरबीआई ने बैंकों से सेंट्रल डाटा चेकिंग करने के लिए भी कहा है कि ताकि कुछ गड़बड़ी मिले तो उसकी जांच कराई जा
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में बैंकों से कहा है कि बैंक 8 नवंबर से 31 दिसंबर के दौरान की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक सुरक्षित रखें। इससे जांच एजेंसियों को अवैध तरीके से नए नोटों को जमा करने वालों का पता लगाने में मदद मिलेगी और वह फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी। वहीं, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा ने बताया कि आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि पूरी सेंट्रल डाटा चेकिंग करें। अगर इस दौरान वे कुछ गड़बड़ी पाते हैं तो उसकी ऑडिट जांच कराई जाए।
मुंद्रा ने कहा कि आरबीआई के सुपरवाइजर भी बैंकों के तमाम डाटा प्वाइंट की जांच कर रहे हैं। अगर कुछ गड़बड़ी सामने आती है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि एक्सिस बैंक की शाखाओं में बड़े स्तर पर गड़बड़ी के कारण उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उसका बैंकिंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बैंक ने गड़बड़ी करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की है।
अक्तूबर में आरबीआई ने बैंकों से बैंकिंग हॉल और काउंटरों में सीसीटीवी लगाने को कहा था। उसने तब कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए नकली नोट चलाने वालों की पहचान करने में मदद मिलेगी। मालूम हो कि नोटबंदी के बाद से बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से काले धन को सफेद बनाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। कई जगह छापेमारी में बड़ी मात्रा में नए नोट पकड़े गए हैं।
12.44 लाख करोड़ के पुराने नोट जमा हुए
रिजर्व बैंक ने कहा है कि 10 दिसंबर तक 500 और 1000 के नोट के रूप में 12.44 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा हो चुके हैं। रिजर्व बैंक ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से 4.61 लाख करोड़ रुपये नए नोटों के रूप में जारी किए हैं।आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने बताया कि अगर संख्या में बात करें तो 8 नवंबर के बाद से 21.8 अरब नोट जारी किए गए हैं। 7 दिसंबर को जारी आरबीआई के बयान के मुताबिक इस दिन तक 11.55 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए थे, जबकि 4.27 लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए गए थे।
इस तरह 7 से 10 दिसंबर के बीच 1 लाख करोड़ रुपये पुराने नोट जमा हुए, जबकि नए नोट सिर्फ .34 लाख करोड़ ही जारी हुए। इस पर गांधी ने कहा कि नए नोट लगातार छापे और वितरित किए जा रहे हैं। लोग नोटों को अपने पास जमा करने के बजाय उनका खुलकर इस्तेमाल करें।
सीबीआई के शिकंजे में आरबीआई अधिकारी, जेडीएस नेता
बंगलूरू। नोटबंदी के बाद गैर कानूनी ढंग से पैसे बदलने के अलग-अलग मामले में सीबीआई ने रिजर्व बैंक के एक अधिकारी और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के नेता केसी वीरेंद्र को गिरफ्तार किया है। जेडीएस नेता एक कसीनो का मालिक है।
सीबीआई ने रिजर्व बैंक के अधिकारी के. माइकल को उस समय गिरफ्तार किया जब वह 1.51 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलने की कोशिश कर रहा था। सीबीआई सूत्रों ने कहा, आरबीआई में वरिष्ठ विशेष सहायक माइकल को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने एक अलग मामले में वीरेंद्र को आयकर विभाग की ओर से उसके बाथरूम में मिले 5.70 करोड़ रुपये की जब्ती के संबंध में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘हमने केसी वीरेंद्र को गिरफ्तार किया है। उसे 10 दिसंबर को हुब्बल्ली से गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन बंगलूरू लाकर सीबीआई अदालत में पेश किया गया। वह हमारी हिरासत में छह दिन से है।’
इसके अतिरिक्त कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के रहने वाले बिचौलिए तिपेस्वामी, वेंकटेश और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा के चार अज्ञात अधिकारियों का नाम भी एफआईआर में दर्ज है। सीबीआई की एफआईआर में यह आरोप लगाया गया है कि ये बैंक अधिकारी वीरेंद्र के साथ मिलकर नवंबर और दिसंबर के दौरान 5.76 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलने में शामिल है।
रैकेट का भंडाफोड़, चार राज्यों से 1.58 करोड़ के नए नोट बरामद
पुराने नोटों की अदला बदली के रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात बिचौलियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही रैकेट से जुड़े लोगों के पास से कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और भोपाल से कुल 1.58 करोड़ रुपये के नए नोट बरामद किए गए हैं। गिरफ्तारियां प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई हैं।