मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर खतरे को देखते अब उनकी सुरक्षा-व्यवस्था और चुस्त दुरुस्त की जाएगी। योगी की सुरक्षा में अब 40 वर्ष से कम आयु के निरीक्षक, उप निरीक्षक व मुख्य आरक्षी तैनात किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुरक्षा में इस तरह का बदलाव पहली बार किया जा रहा है। एडीजी सुरक्षा विजय कुमार ने इस बाबत डीजीपी ओपी सिंह को प्रस्ताव भेजा है। जल्द इस व्यवस्था का लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश पुलिस की विभिन्न इकाइयों से युवा व तेजतर्रार पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर सीएम सिक्योरिटी में लगाया जाएगा।
हर मौसम में मुस्तैदी की जरूरत
मुख्यमंत्री की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को कड़ी धूप से लेकर हर मौसम में मुस्तैदी से ड्यूटी करनी पड़ती है। उन्हें लंबे समय तक खड़े रहने के साथ ही तेज गति से मूवमेंट भी करना पड़ता है। ऐसे में बड़ी उम्र के पुलिसकर्मी कई बार जल्द थक जाते हैं और उतनी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी नहीं कर पाते। इन व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए पहली बार सीएम सिक्योरिटी में पुलिस की युवा ब्रिगेड लगाए जाने की योजना है।
मुख्यमंत्री को व्याप्त गंभीर जीवन भय
एडीजी ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री को व्याप्त गंभीर जीवन भय के दृष्टिगत उनकी सुरक्षा-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए सुरक्षाकर्मियों का चुस्त दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रदेश व दूसरे राज्यों में अत्यधिक भ्रमण कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था में नियुक्त पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता का आंकलन किया गया। जिसके आधार पर मुख्यमंत्री सुरक्षा में नियुक्त अधिक उम्र के सुरक्षाकर्मियों को हटाकर चुस्त-दुरुस्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की सिफारिश की गई है।
नया बदलाव बेहद अहम
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व तत्कालीन एडीजी सुरक्षा भवेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री सुरक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास किया था। सीएम सिक्योरिटी में यह नया बदलाव बेहद अहम माना जा रहा है। कम उम्र के निरीक्षक, उप निरीक्षक व मुख्य आरक्षी अधिक फुर्ती व मुस्तैदी से मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे को अभेद बनाए रखने में सक्षम होंगे। बताया गया कि सीएम सुरक्षा से जुडऩे वाले नए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण कराए जाने की भी तैयारी है।