पाकिस्तान ने भले ही अमेरिका के प्रतिबन्ध को दरकिनार कर आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफ़िज़ सईद को राजनीति में उतार दिया हो, लेकिन पाकिस्तान की आवाम ने हाफ़िज़ की हकीकत को जानते हुए उससे दूर रहना ही उचित समझा. पाकिस्तान में चल रही मतगणना में हाफ़िज़ सईद की राजनितिक पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका है, वहीं क्रिकेट से राजनीति में कदम रखने वाले इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इन्साफ पहले नंबर पर चल रही है.
हाफ़िज़ सईद के राजनीति में उतरने के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि हाफ़िज़ के भाषणों में इकठ्ठा होने वाली पाकिस्तानी आवाम, हाफ़िज़ के पक्ष में जा सकती है. लेकिन पाकिस्तान में हाफिज के मंसूबों पर पानी फिर गया, यहाँ तक कि मुंबई ब्लास्ट के मास्टरमाइंड हाफीज़ सईद के बेटे हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी हार की कगार पर हैं.
आपको बता दें कि आतंकी हाफ़िज़ सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर (एएटी) पार्टी के जरिए 265 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन किसी एक भी सीट पर हाफ़िज़ के उम्मीदवार बढ़त बनाते नहीं दिख रहे हैं. हाफ़िज़ के साथ ही पाक के पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ की पार्टी PML(N) भी रुझानों में काफी पीछे चल रही है, जिसे लेकर शरीफ ने चुनाव में धांधली होने का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि इमरान खान चुनाव में धोके से बढ़त बनाए हुए हैं