मराठा आरक्षण आंदोलन के तहत पुणे में रविवार को हुई हिंसा के बाद आज आरक्षण की मांग कर लोग जेल भरो आंदोलन करेंगे। जानकारी के अनुसार आंदोलनकारी आज दोपहर में जेल भरने के लिए समुहिक गिरफ्तारियां देंगे। हालांकि, संगठन अपने आंदोलन को शांति पूर्ण तरीके से चलाने के दावे कर रहा है लेकिन वास्तव में महाराष्ट्र में हिंसा लगातार जारी है। आज के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
वहीं इससे पहले मंगलवार को दो और लोगों ने खुदकुशी कर ली। औरंगाबाद जिले के फुलंब्री तहसील में 17 वर्षीय प्रदीप हरि म्हस्के ने कुएं में कूद कर जान दे दी जबकि बीड़ जिले के 35 वर्षीय अभिजीत देशमुख ने घर के पास पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या की। अब तक आरक्षण आंदोलन में छह लोगों की मौत हो चुकी है। इनके अलावा मराठवाड़ा संभाक के लातूर जिले में आठ प्रदर्शनकारियों ने केरोसीन डाल कर आत्मदाह की कोशिश की।
एक साथ हो आरक्षण का फैसला : शिवसेना
इस बीच, शिवसेना ने मराठाओं के संग राज्य के धनगर तथा कोली समुदायों के लिए भी आरक्षण की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो “अराजक” स्थिति बन सकती है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र “सामना” में लिखा है कि एकबार मराठाओं को आरक्षण दिया गया तो अन्य समुदाय भी सड़कों पर उतरेंगे और नई समस्याएं खड़ी होंगी। इसलिए सरकार को सभी समुदायों के लिए एकसाथ फैसला करना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि भाजपा ने चुनाव से पहले धनगरों को भी आरक्षण देने का वादा किया था। इसके मुताबिक, यदि ये समुदाय आरक्षण के लिए एक-एक करके सड़कों पर उतरने लगे तो महाराष्ट्र को “बनना रिपब्लिक” (अराजक राज्य) बनते देर नहीं लगेगी।
शिवसेना कहा है कि मराठा आरक्षण नियम-कानून का नहीं है बल्कि समुदाय के अस्तित्व का मसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा है कि इसका फैसला कोर्ट नहीं कर सकता। इसके लिए एक “56 इंच सरकार” की जरूरत है।