नई दिल्ली: अगर आप लोन लेने की सोचे रहे हैं तो अब इसका असर आपकी जेब पर भी ज्यादा पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 किया गया है। बढ़ती महंगाई की वजह से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बढ़ाया गया है।
आरबीआई में सभी दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई में छह सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी एमपीसी की 4 जून से मीटिंग हो रही थी जिससे बाद ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं। आपको बता दें जनवरी 2014 के बाद पहली बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बदलाव किया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है।
आरबीआई के मुताबिक अप्रैल-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ 7.5-.7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं जुलाई-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है। मॉनिटरी पॉलिसी के बाद आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया। रेपो रेट बढऩे से हर तरह के लोन की ईएमआई बढ़ेगी। रिजर्व बैंक के इस कदम से साफ है कि अब सस्ते कर्ज का दौर खत्म हो रहा है और आपको महंगे कर्ज के लिए तैयार रहना होगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई बढऩे का अनुमान जताया है। जुलाई सितंबर के बीच महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष 2018.19 की पहली छमाही में महंगाई 4.8-.4.9 फीसदी रह सकती है। वहीं दूसरी छमाही में इसमें मामूली गिरावट आने की संभावना है और यह 4.7 फीसदी पर रह सकती है। मोदी सरकार के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाया है। इससे पहले जून की क्रेडिट पॉलिसी में भी 0.25 फीसदी रेपो रेट बढ़ाया गया था। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई एमपीसी मीटिंग पहली बार 3 दिन चली है। इससे पहले यह दो दिन की होती रही है।