देवरिया: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में ही ऐसा एक मामला निकल कर सामने आया है। देवरिया नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का खुलासा हुआ है। संरक्षण गृह से भागी एक बालिका ने रविवार शाम को यह जानकारी दी। रात में पुलिस ने छापा मारा तो संरक्षण गृह से 18 लड़कियां गायब मिलीं। पुलिस ने संचालिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया।
रविवार देर रात पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की सूची में 42 लडकियां दर्ज हैं। लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं। बाकी का पता किया जा रहा है। नारी संरक्षण गृह के बारे में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी। अनियमितताओं के कारण इसकी मान्यता जून.2017 में समाप्त कर दी गई थी।
एसपी ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची देर शाम को किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची। वहां उसने संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी। बच्ची के मुताबिक वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे। वे देर रात लौटती थीं।
संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है। बच्ची ने बताया उससे भी झाड़ू.पोंछा तथा घर के अन्य काम कराए जाते थे। एसपी ने बताया कि पुलिस ने रात में ही नारी संरक्षण गृह में छापा मारा। वहां रजिस्टर में अलग.अलग आयु वर्ग की 42 लड़कियां दर्ज हैं। मिलान करने पर 18 लड़कियां नहीं मिलीं। संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन इनके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार और बाल संरक्षण अधिकारी जेडी तिवारी मौजूद थे।