न्यायालय ने सहयोगियों के साथ खेत से गेहूं का बोझा चुराने के 18 वर्ष पुराने मामले में कुशीनगर जिले के रामकोला विधान सभा क्षेत्र के सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के विधायक रामानंद बौद्ध की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में पुलिस अधीक्षक से अपने स्तर से तामील कराते हुए विधायक को गिरफ्तार कर आगामी 17 सितंबर को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।न्यायालय ने सहयोगियों के साथ खेत से गेहूं का बोझा चुराने के 18 वर्ष पुराने मामले में कुशीनगर जिले के रामकोला विधान सभा क्षेत्र के सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के विधायक रामानंद बौद्ध की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में पुलिस अधीक्षक से अपने स्तर से तामील कराते हुए विधायक को गिरफ्तार कर आगामी 17 सितंबर को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।   कुशीनगर जिले के अहिरौली थाने के ग्राम गिदहां निवासी राम सबद ने रामानंद बौद्ध के खिलाफ 12 अप्रैल 2000 को न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था। परिवाद के मुताबिक वर्तमान विधायक रामानंद बौद्ध व उनके साथ चार अन्य सहयोगियों ने खेत में बांध कर रखे गए गेहूं के बोझ चोरी की नीयत से उठ ले गए। न्यायालय ने धारा 379 के तहत अभियुक्तों को नोटिस जारी किया तो अन्य चार ने न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत ले ली।  इस मामले में विधायक उपस्थित नहीं हुए। उसके बाद न्यायालय ने उनको सम्मन व जमानती वारंट जारी किया। अदालत की इस कार्यवाही के बाद भी विधायक रामानंद बौद्ध हाजिर नहीं हुए। तब कोर्ट ने सख्ती करते हुए 11 जुलाई 2018 को थानाध्यक्ष अहिरौली को विधायक के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी करते हुए इसके तामीला का आदेश दिया। थानाध्यक्ष ने उसे तामीला ही नहीं कराया।   गोरखपुर में ट्रेन रोकने आए निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने खदेड़ा, आगरा में रोकी ट्रेन यह भी पढ़ें तब 8 अगस्त 2018 को कुशीनगर जनपद के कसया के जूडिशियल मजिस्ट्रेट, प्रथम सिविल जज जूनियर डिवीजन जयगोपाल गिरि ने विधायक के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें अब पुलिस अधीक्षक को खुद इस मामले में पहल करनी होगी। इस संबंध में विधायक रामानंद बौद्ध का कहना है कि उन्हें राजनीतिक विद्वेष के तहत फंसाया गया है। जहां तक कोर्ट की बात है तो वह अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं।

कुशीनगर जिले के अहिरौली थाने के ग्राम गिदहां निवासी राम सबद ने रामानंद बौद्ध के खिलाफ 12 अप्रैल 2000 को न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था। परिवाद के मुताबिक वर्तमान विधायक रामानंद बौद्ध व उनके साथ चार अन्य सहयोगियों ने खेत में बांध कर रखे गए गेहूं के बोझ चोरी की नीयत से उठ ले गए। न्यायालय ने धारा 379 के तहत अभियुक्तों को नोटिस जारी किया तो अन्य चार ने न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत ले ली।

इस मामले में विधायक उपस्थित नहीं हुए। उसके बाद न्यायालय ने उनको सम्मन व जमानती वारंट जारी किया। अदालत की इस कार्यवाही के बाद भी विधायक रामानंद बौद्ध हाजिर नहीं हुए। तब कोर्ट ने सख्ती करते हुए 11 जुलाई 2018 को थानाध्यक्ष अहिरौली को विधायक के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी करते हुए इसके तामीला का आदेश दिया। थानाध्यक्ष ने उसे तामीला ही नहीं कराया।

तब 8 अगस्त 2018 को कुशीनगर जनपद के कसया के जूडिशियल मजिस्ट्रेट, प्रथम सिविल जज जूनियर डिवीजन जयगोपाल गिरि ने विधायक के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें अब पुलिस अधीक्षक को खुद इस मामले में पहल करनी होगी। इस संबंध में विधायक रामानंद बौद्ध का कहना है कि उन्हें राजनीतिक विद्वेष के तहत फंसाया गया है। जहां तक कोर्ट की बात है तो वह अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं।