नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को भारतीय सेना का अगला प्रमुख बनाए जाने को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। रावत 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे जनरल दलबीर सिंह सुहाग की जगह लेंगे। जहां विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है वहीं रावत के चुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं उनका चयन पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा को ध्यान में रखकर तो नहीं किया गया।
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फिलहाल उपसेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रावत गोरखा रेजिमेंट से आते हैं और तुलना की जाए तो उनमें और पाकिसतन सेना के प्रमुख बाजवा में कई समानताएं नजर आती हैं। इसके बाद यह कयास भी तेज हैं कि रावत ऐसे सेना प्रमुख होंगे जो बाजवा को टक्कर देने का दम रखते हैं।
यह है बिपिन रावत और कमर बाजवा में समानताएं
– दोनों की ही नियुक्ति में वरिष्ठता को ताक पर रखकर अनुभव को वरियता दी गई।
– दोनों देशों के सेना प्रमुखों ने अपने देश के सबसे बेहतर संस्थान से सैन्य शिक्षा हासिल की है। जनरल बाजवा जहां डिफेंस यूनिवर्सिटी, पाकिस्तान और पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी से पास आउट हैं, वहीं जनरल रावत इंडियन मिलिट्री अकादमी से पास आउट हैं।
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– दोनों ही अधिकारियों को आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में महारत हासिल है।
– जनरल बाजवा को भी करीब चार वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर सेना नायक बनाया गया था। वहीं जनरल रावत को दो अधिकारियों की वरिष्ठता को ताक पर रखकर सेना प्रमुख बनाया गया है।
– दोनों की ही नियुक्ति में एक-दूसरे की सेना और उनकी रणनीति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर को भी ध्यान में रखा गया।
– लेफ्टिनेंट जनरल रावत संतुलित तरीके से सैन्य संचालन के लिए जाने जाते हैं। वहीं एक सैन्य अधिकारी के तौर पर जनरल बाजवा का रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा है।
– एक सैन्य अधिकारी के रूप में जनरल बाजवा और जनरल रावत के पास लाइन ऑफ कंट्रोल पर पोस्टिंग का अच्छा खास अनुभव है। इसके अलावा यहां के इलाके की बेहतर जानकारी भी इन दोनों ही अधिकारियों के पास हैं।
– जनरल रावत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। उन्होंने म्यांमार में उग्रवादियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था। वहीं जनरल बाजवा उत्तरी पाकिस्तान की सुरक्षा टुकडि़यों को बतौर ब्रिगेडियर कमांड कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने बलूचिस्तान में पाक सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन पीस मिशन का नेतृत्व किया था।
– लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा के पिता सेना में पूर्व अधिकारी के तौर पर रह चुके हैं। जनरल बाजवा के पिता सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल थे, जबकि जनरल रावत के पिता पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं। वह डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी रह चुके हैं।
– लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बाजवा संयुक्त राष्ट्र में कांगो मिशन के तहत शांतिदूत के रूप में काम कर चुके हैं। जनरल बाजवा ने भारत के पूर्व आर्मी चीफ जनरल विक्रम सिंह के साथ UN मिशन के तहत काम किया था। इस मिशन में जनरल सिंह वहां डिवीजन कमांडर थे, जबकि जनरल बाजवा ब्रिगेड कमांडर थे। लेफ्टिनेंट जनरल रावत भी कांगो में UN चैप्टर VII मिशन के तहत शांति दूत के रूप में काम कर चुके हैं।
– भारत के अगले सेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से ट्रेनिंग ले चुके हैं जहां उन्हें ‘Sword of Honour’ से नवाजा गया था। पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल बाजवा भी पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी, काकुल से ट्रेनिंग ले चुके हैं।