आखिरकार रेंफरेंडम 2020 का गुब्बारा फूट गया। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसअाइ के इशारे पर शुरू इस खेल में अलगाववादियों की गिल्ली उड़ गई। अराजकता फैलाने का मंसूबा रखने वालाें का ब्रिटेन और पंजाब दोनों जगह विरोध हुआ। लंदन के ट्रैफलगर स्क्वायर में खालिस्तान समर्थकों की ओर से रेफरेंडम-2020 को लेकर निकाली रैली के समर्थन में कम और विरोध में ज्यादा आवाज उठने से उनके मंसूबे टूट गए। इसके साथ ही सवाल उठा कि आखिर इस तरह रेफरेंडम क्याें, जवाब है पंजाब में फिर खून-खराबा की नापाक मंशा। सबसे बड़ी ताे है कि रेफरेंडम 2020 का कुछ अलगाववादी संगठनों ने ही विरोध किया है।
पंजाब को फिर रक्त रंजित करने की साजिश करने वालों को मिला मुंहतोड़ जवाब
सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम की अलगाववादी संस्था की अगुवाई में लंदन के ट्रैफलगर स्क्वायर में रविवार को रैली का आयोजन किया गया था। इसके माध्यम से एक बार फिर से खालिस्तान के मुद्दे को उभारने की तैयारी थी। इसे लेकर पंजाब 1978 से लेकर 1994 तक पंजाब आतंक की आग में झुलसता रहा है। इस रैली के दौरान कथित लंदन एलाननामा में रेफरेंडम करवाने के कारणों बल्कि उसकी रणनीति के बारे में भी एलान किया गया। रैली में ब्रिटेन में रह रहे सिख समुदाय के लोग तो नहीं आए, लेकिन अन्य देशों जर्मनी, कनाडा सहित कुछ अन्य देशों से अलगाववादी भी शामिल हुए। यह भी खुलासा हुआ है कि इसमें पगड़ी पहन र आइएसआइ द्वारा लाए गए लोग भी शामिल हुए।
लंदन की रैली बुरी तरह फ्लाप, ब्रिटेन व पंजाब दाेनों जगह हुआ पुरजाेर विराेध
इस तरह रैली बुरी तरह फ्लॉप होने से आइएसअाइ और अलगाववादियों को करारा झटका लगा। न सिर्फ पंजाब में बल्कि लंदन में भी रेफरेंडम के समर्थकों को विरोध का सामना करना पड़ा। लंदन में लहराते तिरंगे और ‘वी स्टैंड फॉर इंडिया’ के बैनरों ने साबित कर दिया कि देश-विदेश में बसे सिखों ने अलग राज्य की मांग को पूरी तरह नकार दिया है।