उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इशारा किया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार संसद में बिल ला सकती है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत नहीं है, अगर होता तो राम मंदिर के लिए विधेयक जरूर लाते।
विधान परिषद सदस्य केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अगर कोई विकल्प नहीं बचता है, तो ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार संसद में बिल ला सकती है। उनकी पार्टी का राज्यसभा में बहुमत नहीं है, वरना विधेयक पारित कराकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर देते। फिलहाल संसद के उच्च सदन में उनके सदस्यों की संख्या कम है, इसलिए अभी यह संभव नहीं है।
मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले केशव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के करोड़ों लोग अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं। यह सबके लिए आस्था का विषय है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा में बहुमत होने पर विधेयक लाया जाएगा, उन्होंने कहा फिलहाल अभी मामला न्यायालय में है और न्यायालय पर पूरा भरोसा है। मेरा मानना है कि इस विवाद का समाधान जल्द होगा।
चुनावी सरगर्मियों के बीच अयोध्या का राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सियासी बयानों का हिस्सा बन रहा है। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कहने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथी के साथ ही उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे एक कदम आगे बढ़कर बयान दिया है। मौर्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा है कि अगर कोई विकल्प नहीं बचता है, तो केंद्र सरकार इसके लिए सदन में कानून ला सकती है।
मौजूदा वक्त में संसद के दोनों सदनों में बहुमत न होने का हवाला देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने चुनावी संकेत भी दे दिए। मौर्य ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर लगातार सुनवाई चल रही है। हमें आशा है कि जल्द ही इस पर फैसला आएगा।
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