गोरखपुर : इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ आदि जाने वाली रोडवेज की बसें नौसढ़ टर्मिनल से ही चलाई जाएंगी। टर्मिनल का निर्माण सितंबर तक पूरा हो जाएगा। अक्टूबर से हर हाल में टर्मिनल से बसों का संचलन शुरू हो जाएगा।
परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश कुमार के अनुसार कचहरी बस डिपो का कायाकल्प भी मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। गोरखपुर के दोनों बस टर्मिनल आम यात्रियों की राह को आसान और सुविधाजनक बनाएंगे। अक्टूबर से नौसढ़ टर्मिनल चालू हो जाने के बाद पैडलेगंज चौराहा से बसों का ठहराव भी समाप्त हो जाएगा। सभी बसें नौसढ़ से ही चलेंगी।
कचहरी बस टर्मिनल बन जाने के बाद राप्तीनगर डिपो की बसें कचहरी से चलने लगेंगी। बाहर से आने वाली अन्य डिपो की बसों का ठहराव नौसढ़ में ही होगा। एआरएम के अनुसार नौसढ़ और कचहरी बस टर्मिनल के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार खुद पहल कर रही है। आवश्यकतानुसार समय पर धन अवमुक्त किए जा रहे हैं। समय से कार्य पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्था को अतिरिक्त दिशा- निर्देश जारी किया गया है।
पैडलेगंज चौराहा पर यात्रियों की परेशानियों के सवाल पर एआरएम ने बताया कि आम जनता की सुविधा के लिए ही स्टापेज निर्धारित किया गया है। दरअसल निर्माण कार्य के चलते कचहरी बस डिपो को राप्तीनगर डिपो स्थानांतरित किया गया है। महानगर के यात्रियों को राप्तीनगर डिपो न जाना पड़े इसके लिए पैडलेगंज चौराहा पर प्रत्येक बसों का ठहराव प्रदान किया गया है। बस चालकों को निर्देशित किया गया है कि वे चौराहा पर अधिकतम मिनट ही रुकें। यही नहीं अब बसें चौराहा से 50 मीटर आगे या पीछे ही खड़ी होंगी।
हटाया जाएगा अतिक्रमण, तैनात
होंगे यातायात निरीक्षक
आम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कार्मिकों के अलावा यातायात निरीक्षकों की भी तैनाती की जाएगी। प्रांतीय रक्षा दलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। एआरएम के अनुसार चौराहा के आसपास परिवहन निगम की अपनी भूमि नहीं है, ऐसे में यात्री सुविधाएं स्थापित नहीं हो पा रहीं। लेकिन सड़क की पटरियों और नगर निगम के बेंच और छज्जे से यथाशीघ्र अतिक्रमण हटाया जाएगा।
डग्गामार वाहनों के लिए
चलेगा संयुक्त अभियान
डग्गामार वाहनों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को पत्र लिखा गया है। जल्द ही संयुक्त अभियान चलाया जाएगा।