इलाहाबाद: जमीन घोटाला मामले में सोमवार को इलाहबाद हाईकोर्ट से बहुजन समाज पार्टी बसपा की मुखिया मायावती को बेहद राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मायावती के खिलाफ जमीन घोटाल मामले में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है।
याचिका में नोएडा के बादलपुर गांव की जमीन को अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने का आरोप था। याचिकाकर्ता संदीप भाटी ने बदलापुर गांव की इस जमीन पर अवैध निर्माण की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने मायावती के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।
इस याचिका में नोएडा के बादलपुर गांव की जमीन को अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने का आरोप था।
याचिकाकर्ता भाटी ने इस जमीन पर अवैध निर्माण की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी। इस मामले में 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मायावती, उनके पिता और भाई आनंज तुमाक तो नोटिस जारी किया था।
इनपर आरोप है कि 47 हजार 433 वर्गमीटर खेती की जमीन को आबादी घोषित कराकर करोड़ों के मुआवजे का घोटाला किया था। याचिका में तीनों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई थी। इस जमीन में मायावती का विशाल भवन बना हुआ है। जिस जमीन पर भवन बना हुआ है वह जमीन मायावती और उनके पिता के नाम पर थी। बाद में पूर्व सीएम ने उस जमीन को दान रजिस्ट्री से इसे अपने भाई आनंद कुमार और एक अन्य के नाम करा दिया था।