लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मानकनगर स्थित आरडीएसओ स्विमिंग पूल में गुरुवार सुबह 22 वर्षीय एक युवक मौत हो गई। पूल में शव उतराता देख कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए। युवक को रेलवे अस्पताल ले जाया गया। उसे भर्ती कराने के बाद कर्मचारी व मैनेजर भाग निकले। परिवार को भी खबर नहीं दी। अस्पताल की तरफ से मानकनगर थाने पर मेमो भेजा गया। पुलिस ने पीयूष के मौसा को फोन कर हादसे की जानकारी दी। छात्र के मौसा ने आरडीएसओ स्विमिंग पूल के मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कानपुर किदवई नगर निवासी रूपनारायण गुप्ता का बेटा पीयूष मौसा दिनेश कुमार गुप्ता के नरपतखेड़ा स्थित घर रह कर एसएससी की तैयारी कर रहा था। तीन महीने पहले पीयूष ने आरडीएसओ स्विमिंग पूल में दाखिला लिया था। गुरुवार सुबह 6 बजे करीब पीयूष स्कूटर से स्विमिंग पूल जाने के लिए निकला था। जहां 7.30 बजे करीब पीयूष पूल में डूब गया।
काफी देर तक वह पानी में ही पड़ा रहा। सुबह 9 बजे करीब आरपीएफ इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार ने पीयूष के मौसा डीके गुप्ता को फोन कर उसके अस्पताल में भर्ती होने की खबर दी। दिनेश गुप्ता ने ईएमएस में कार्यरत हैं। सुबह वह ड्यूटी पर चले गए थे। वह ऑफिस में काम कर रहे थे। तभी इंस्पेक्टर का फोन पहुंचा। उनके शब्द सुन दिनेश तुरन्त ही रेलवे अस्पताल पहुंचे। बेड पर भतीजे पीयूष का शव पड़ा हुआ था।
पूछताछ करने पर पता चला कि पीयूष को आरडीएसओ स्विमिंग पूल के मैनेजर अंकित कुमार खोसला कुछ कर्मचारियों के साथ लाए थे। उनके मुताबिक अस्पताल पहुंचने से पहले ही पीयूष की मौत हो चुकी थी। तीन महीने से तैराकी सीख रहे पीयूष को आखिरी अकेले पूल में कैसे उतरने दिया गया। यह सवाल पीयूष के रिश्तेदार पवन गुप्ता ने किया।
उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त पूल के आस.पास कई लोग मौजूद थे। परए किसी ने भी पीयूष को बचाने की कोशिश नहीं की। पवन के मुताबिक अगर सही समय पर स्विमिंग कोच मदद करते तो पीयूष की जान बचाई जा सकती थी।
इंस्पेक्टर मानकनगर संतोष कुमार कुशवाहा ने बताया कि दिनेश कुमार गुप्ता की तरफ से तहरीर दी गई है। उन्होंने पूल मैनेजर अंकित कुमार खोसला व अन्य कर्मचारियों को पीयूष की मौत का जिम्मेदार बताया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि अंकित व अन्य के खिलाफ हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है।