विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ बुधवार को दिल्ली में किसान और मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें महंगाई से राहत, न्यूनतम भत्ता, किसानों की कर्जमाफी और फसलों का उचित मूल्य देने की मांग अहम है। बताया जा रहा है कि वाम दल समर्थित किसान व मजदूर संगठनों की तरफ से दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इस रैली में देशभर से 4 लाख से ज्यादा किसान-मजदूर जुटेंगे। यह रैली 12 बजे के आसपास रामलीला मैदान से शुरू होकर संसद भवन तक मार्च करेगी, जिसके चलते मध्य दिल्ली की सड़कों पर भीषण जाम लगने की संभावना है। वामपंथी दल सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी भी इस मार्च में हिस्सा ले सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, ऑल इंडिया किसान महासभा के नेतृत्व में किसानों के दल दिल्ली के रामलीला मैदान से संसद तक मार्च करेंगे। वहीं, वामपंथी संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा और सीटू के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान और मजदूर दिल्ली के रामलीला मैदान पर मजदूर किसान संघर्ष रैली में जुटेंगे।
कहा जा रहा है कि किसान संघर्ष रैली में देश के कई जाने माने अर्थशास्त्रियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है। वाद दलों की मानें तो बुधवार को रामलीला मैदान में आयोजित किसान रैली की तर्ज पर आने वाले दिनों में और भी ऐसी ही रैलियां होंगी। किसान-मजदूर रैलियों के माध्यम से देश में किसान और मजदूरों की बदहाली के मुद्दे लगातार उठाये जाते रहेंगे और इसकी शुरुआत बुधवार को रामलीला मैदान की रैली से की जा रही है।
धरना-प्रदर्शन के कारण आज कई चौराहे बंद रहेंगे
कई संगठनों के लोग बुधवार को अपनी-अपनी मांगों को लेकर रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक मार्च निकालेंगे। इस दौरान धरना-प्रदर्शन भी होंगे। बड़ी संख्या में सड़कों पर लोगों के उतरने के कारण कई चौराहे और सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके मद्देनजर यातायात पुलिस ने नई दिल्ली के सात प्रमुख चौराहों पर यातायात परिवर्तित करने का निर्णय लिया है।