भारत-पाकिस्तान सीमा भले ही कई युद्धों का गवाह रह चुकी है लेकिन अब यहां पर एक अलग तरह की लड़ाई होगी। यह लड़ाई हथियारों से नहीं बल्कि अदालती होगी। दरअसल, 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम धमाका मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भारत-पाक सीमा पर एक अस्थायी कोर्ट बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इसके लिए वह जल्द ही गृह मंत्रालय से अनुमति लेने जा सकती है।
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एनआईए की मंशा इस कोर्ट में उन पाकिस्तानी नागरिकों से पूछताछ करने की है जो इस मामले के गवाह हैं। अगर यह कोर्ट बनता है तो ऐसा पहली बार होगा जब भारत-पाक सीमा पर किसी आतंकी मामले की सुनवाई के लिए अस्थायी तौर पर कोर्ट बनाया जाएगा। अहम बात यह है कि पाकिस्तान के चीफ प्रॉसिक्यूटर ने भी एनआईए की इस योजना का समर्थन किया है। एनआईए के डायरेक्टर जनरल शरद कुमार ने बताया, ‘सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद जल्द ही इस बारे में उचित फैसला किया जाएगा।’
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इस कोर्ट की जरूरत के बारे में एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखकर इस तरह की योजना पर विचार किया गया है। गवाहों से पूछताछ के लिए उन्हें पंचकूला लाने की बजाय सीमा पर ही पूछताछ करना ज्यादा माकूल होगा क्योंकि पंचकूला में पूछताछ के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे।’ समझौता ब्लास्ट केस मामले की सुनवाई फिलहाल पंचकूला के स्पेशल एनआईए कोर्ट में चल रही है।
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