डायरिया और उल्टी-दस्त महामारी की तरह बढ़ते जा रहे हैं। हालात कितने नाजुक है इसका अंदाजा इसी से लगाइए कि खुद स्वास्थ्य विभाग 10 दिन में 16 मौतों की पुष्टि कर रहा है। इसके अलावा कई मौतें तो अब तक सामने नहीं आईं। अधिकांश मौतें विजयपुर ब्लॉक में हुई हैं।
दिल दहला देने वाली बात यह है कि, मृतकों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं और चिंता की बात यह कि, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग अब तक यह भी पता नहीं लगा पाया है कि, डायरिया व उल्टी-दस्त किस कारण जानलेवा हो रहे हैं। स्थिति इतनी विकराल है कि, एक गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम बीमारों का इलाज करके लौट नहीं पा रही जब तक दूसरे गांव में डायरिया, उल्टी-दस्त के कारण और मौतों की सूचना मिल जाती है।
अस्पतालों के पड़ोस में ही जान ले रही बीमारी
वीरपुर कस्बे से मात्र एक किमी दूर बसे चकसीताराम पुरा गांव की आदिवासी बस्ती में बुधवार और गुस्र्वार के दिन चार की मौत हो गई। मृतकों में एक 04 साल का बालक था जबकि तीन युवा थे। सभी की मौत उल्टी दस्त से होना बताई है।