लखनऊ: #Bulandshahr जनपद में गोकशी की घटना के बाद बवाल हो गया। भीड़ ने जमकर पथराव, फायरिंग की। जवाब में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। गोकाशी से नाराज भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर Subodh Kumar Singh की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। इस पूरे घटना में सुमित नाम के एक युवक की भी गोली लगने से मौत हो गयी, वहीं सीओ सहित आठ लोग घायल हैं। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी। मौके पर एडीजी मेरठ सहित अद्र्घसैनिक बलों ने पहुंच कर हालात को किसी तरह नियंत्रित किया। इस पूरे मामले में डीजीपी ने एसआईटी जांच के आदेश दिये हैं। आईजी बुलंलशहर को एसआईडी का प्रभारी बनाया गया है और शासन ने एडीजी इंटेलीजेंस को मौके पर भेजा है और रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। बुलंदशहर को फिलहाल छावनी में तब्दील कर दिया गया है। प्रभावित इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है।
एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि#बुलंदशहर सयान कोतवाली के महाव गांव में सोमवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे लोगों ने कुछ गोवंश पड़े देखा। गांव के पूर्व प्रधान ने सूचना पुलिस को दी। मौके पर इंस्पेक्टर भी पहुंचे। इस बीच खबर आग की तरह गांव में फैल चुकी थी। ग्रामीण उत्तेजित हो गये और हंगामा करने लगे। पुलिस ने किसी तरह उन लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इस बीच कुछ शरारती तत्व गोवंश ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गये और सड़क जाम कर दिया।
हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर सीओ सहित प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे। अधिकारियों ने लोगों को फिर समझा-बुझाकर शांत कराया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया। ग्रामीण पुलिस की बात से संतुष्ट भी हो गये। इसके कुछ ही देर के बाद अचानक भीड़ उग्र हो गयी और पथराव और तोडफ़ोड़ शुरू कर दिया। उग्र भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर धावा बोल दिया और दर्जनों वाहनों में तोडफ़ोड़ करते हुए आगजनी शुरू कर दी। हालात को बेकाबू होते देख पुलिस ने उग्र भीड़ पर लाठीचार्ज किया। इसके बाद हालात और बिगड़ गयी।
भीड़ में मौजूद असलहाधारी उपद्रवियों ने अवैध असलहों से फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान भीड़ ने इंस्पेक्टर सयाना सुबोध कुमार सिंह को निशाना बनाते हुए उन पर हमला बोल दिया। किसी तरह इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।
करीब डेढ़ घंटे तक पूरे इलाके में उपद्रव होता रहा। उपद्रवी सड़क पर तांडव मचाते रहे। इस घटना में चिंगरावठी गांव के रहने वाले सुमित नाम के एक युवक को भी गोली लगी। उसको इलाज के लिए मेरठ भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी। बवाल की सूचना मिलते ही मौके पर आईजी बुलंदशहर और एडीजी मेरठ सहित भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस बल ने किसी तरह हालात पर काबू पाया। एडीजी ने बताया कि सीओ, चौकी इचार्ज सहित पांच पुलिस वाले और तीन नागरिक घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि अब हालात नियंत्रण में हैं और भारी पुलिस बल बुलंदशहर में तैनात कर दिया गया है।
उग्र भीड़ ने घायल इंस्पेक्टर को अस्पताल नहीं ले जाने दिया
इस उपद्रव में इंस्पेक्टर सयाना के घायल होने के बाद उनके साथ मौजूद पुलिस वाले उसको सरकारी गाड़ी में बैठाकर इलाज के लिए जाने लगे, वैसे ही भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया। इस दौरान घायल इंस्पेक्टर के साथ भी हाथापाई की गयी और गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया गया। वहीं भीड़ को उग्र होता देख इंस्पेक्टर के साथ मौजूद पुलिस वाले वहां से भागे और अधिकारियों को बताया। इसके बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा और इंस्पेक्टर सयाना को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, पर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। एडीजी ने बताया कि इंस्पेक्टर मौत भारी वस्तु से हुए हमले में हुई है। वहीं डीएम बुलंदशहर ने देर शाम इस बात क पुष्टिï की कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत गोली लगने से हुई है।
सुमित को किसकी गोली लगी अभी साफ नहीं
इस उपद्रव में मारे गये सुमित नाम के युवक की मौत गोली लगने से हुई है। इस बात की पुष्टिï एडीजी एलओ ने की है। पर अभी यह साफ नहीं हो सका है कि सुमित को गोली पुलिस की लगी या फिर उपद्रवियों की फायरिंग में सुमित को गोली लगी थी। एडीजी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात की पुष्टिï हो सकेगी।
एसआईटी करेगी पूरी घटना की जांच
एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि सयाना इलाके में हुई घटना बेहद गंभीर है। इस घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हुए हैं। उन्होंने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया है। चार से पांच सदस्ययी इस एसआईटी के प्रभारी आईजी बुलंदशहर होंगे। उन्होंने बताया कि एसआईडी इस बात की जांच करेंगी कि आखिरी यह घटना कैसे हुई और इसके लिए कौन दोषी है। गोकशी से लेकर उपद्रव के मामले में जो भी एफआईआर दर्ज होगी अब उसकी पूरी जांच एसआईटी ही करेगी।
सीएम ने जताया दुख, एडीजी इंटेलीजेंस से दो दिन में मांगी रिपोर्ट
बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार मिश्र और सुमित की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। सीएम ने फौरन एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिराडकर को बुलंदशहर भेजने का आदेश दिया है। एडीजी इंटेलीजेंस को पूरी घटना की रिपोर्ट 48 घंटे में शासन को देने का आदेश भी दिया गया है। सीएम ने एडीजी इंटेलीजेंस को अपनी जांच रिपोर्ट में घटना के कारणों और दोषी व्यक्तियों का विवरण शामिल किये जाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच आख्या प्राप्त होते ही राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और प्रभावितों को आर्थिक सहायता दिये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने जनपद के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के सख्त निर्देश दिया हैं।
बुलंदशहर को छावनी में किया गया तब्दील
गोकशी के बाद हुए इस बवाल के बाद बुलंदशहर जनपद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एडीजी एलओ ने बताया कि बुलंदशहर में 5 कम्पनी आरएएफ, 6 कम्पनी पीएसी सहित आसपास के जनपद की पुलिस भी तैनात की गयी है। उपद्रव प्रभावति इलाके में लगातार पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है।
गोकशी के मामले में सात के खिलाफ नामजद रिपोर्ट
एडीजी आनंद कुमार ने बताया कि गोकशी के मामले में सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गयी है। उन्होंने नामजद आरोपियों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब मामले की जांच एसआईटी करेगी ऐसे में किसी का नाम लेना सही नहीं है।
डीएम ने भी मजिस्ट्रेटियल जांच का दिया आदेश
गोकशी को लेकर बुलंदशहर में हुई हिंसक घटना को लेकर डीएम अनुज कुमार झा ने भी मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिये हैं। इस बारे में बताते हुए एडीजी एलओ ने कहा कि जांच रिपोर्ट सामने आने पर पूरे घटनाक्रम की सही वजह पता चल सकेगी और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
इज्तेमा में शामिल लोग सुरक्षित
एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि बुलंदशहर में तीन दिवसीय एक इज्तेमा का आयोजन किया गया था। इसमें पूरे देश भर से करीब 15 लाख लोग शामिल हुए थे। सोमवार को इज्तेमा सशकुल सम्मन्न हो गया। इज्तेमे को लेकर आईजी बुलंदशहर पहले से ही शहर में मौजूद थे। एडीजी ने बताया कि करीब 9 लाख की भीड़ इस घटना से पहले ही जा चुकी थी। अब जो भीड़ बुलंदशहर में मौजूद है, उनके जाने को लेकर पुलिस व प्रशासन पहले से ही मुस्तैद है। हर तरफ गश्त बढ़ा दी गयी है। एडीजी ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी हाल में भयभीत न होने की अपील की है।
कहीं भड़काने पर तो नहीं हुई हिंसा
बुलंदशहर के सयाना इलाके में हुई हिंसा का मुख्य केन्द्र महवा, नायवास और चिंगरावठी गांव थे। एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि इन तीनों गांव से जमा हुई भीड़ ने उपद्रव किया था। अब उपद्रव करने वालों को पुलिस चिन्हित कर कार्रवाई की बात कह रही है। फिलहाल अभी तक इस मामले में किसी भी उपद्रवी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। कुछ लोगों को हिरासत में जरूर लिया गया है। बुलंदशहर से जुड़े सूत्र बताते हैं कि गोकशी के नाम पर हुई हिंसा गुस्सा कम भड़कावे में ज्यादा हुई। गोकशी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गांव में ही लोगों को कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत करा दिया था। इसके बाद कुछ शरारती तत्वे जानवरों के अवशेष लेकर चिंगरावठी चौकी पहुंच गये और सड़क जाम कर दिया। वहां भी पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया था। इसके बाद भी फिर भीड़ उग्र हो गयी। पूरा घटनाक्रम इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि भीड़ को भड़काने का काम किया गया। जिस तरह उपद्रवियों के पास भारी मात्रा में कट्टïे और असलहे मौजूद थे, वह यह दर्शा रहे हैं कि उपद्रवी पहले से ही तैयार होकर आये थे।