नई दिल्ली : नया साल आते ही राजनीति के सबसे बड़े परिवार मुलायम के परिवार में फूट पड़ गई। मुलायम की लाख कोशिशों के बाद भी पार्टी बिखर गई है।
सपा में चल रही दंगल के बीच सपा अध्यक्ष को बड़ा झटका लगा है। मुलायम द्वारा बुलाई गई बैठक में सिर्फ आधा घंटा रह गया है और उनके कार्यालय का हाल किसी वीरान रेलवे स्टेशन जैसा है। वहीं अखिलेश के समर्थन में करीब 80 विधायक उनके घर पहुंच चुके हैं। उम्मीद है थोड़ी देर में कोई बड़ा ऐलान हेगा।
कैसे पड़ी सपा में फूट?
मुलायम-शिवपाल ने तीन बार में 393 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की। इसके बाद अखिलेश यादव ने 235 कैंडिडेट्स की अपनी अलग लिस्ट जारी की। इसमें मुलायम की लिस्ट वाले 31 कैंडिडेट्स के नाम काट दिए। यहीं से टकराव गहराया। रामगोपाल यादव ने दिल्ली में आपातकालीन सम्मेलन बुलाया। इससे नाराज मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश और रामगोपाल को नोटिस भेजा। नोटिस भेजने के आधे घंटे के भीतर दोनों को पार्टी से निकाल दिया।
अब क्या होगा?
मुलायम ने कहा है कि नया सीएम चुना जाएगा। मुलायम खुद भी सीएम बन सकते हैं। सपा राज्यपाल से अखिलेश को हटाने को कह सकती है। राज्यपाल खुद नजर रख रहे हैं। चुनाव नजदीक हैं, इसलिए हो सकता है कि राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। वहीं, कांग्रेस-रालोद ने संकेत दिए हैं कि शक्ति परीक्षण जैसी स्थिति में वे अखिलेश की मदद कर सकते हैं।
अखिलेश-रामगोपाल पर क्या बोले मुलायम
1. पिता मानता होगा तो देखा जाएगा
– मुलायम ने कहा, “अखिलेश क्या माफी मांगेगा, वो तो लड़ता है। पिता मानता होगा मुझे तो देखा जाएगा।”
2. समाजवादी पार्टी चुनेगी यूपी का नया सीएम
– मुलायम ने कहा, “असेम्बली में पार्टी का लीडर पार्लियामेंट्री बोर्ड चुनेगा। सपा यूपी का नया सीएम चुनेगी।”
– “सपा को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। किसी भी कीमत पर पार्टी को बचाएंगे।”
3. अब अखिलेश का राजनीति में कोई भविष्य नहीं
– मुलायम ने कहा, “अखिलेश यादव का अब राजनीति में कोई भविष्य नहीं है।”
– उन्होंने कहा, ” सपा में रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव का कोई योगदान नहीं है।”
4. रामगोपाल ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया
– मुलायम बोले,”रामगोपाल ने ना केवल अनुशासनहीनता की, बल्कि उन्होंने पार्टी को कमजोर करने और नुकसान पहुंचाने का काम किया।”
– “पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है।”
5. रामगोपाल ने अखिलेश को गुटबाजी मेें फंसाया
– “रामगोपाल यादव ने सीएम को गुटबाजी में फंसा दिया। सीएम समझ नहीं रहे हैं, सीएम तो निर्विवाद छवि वाला होता है।”
– “ये जनरल सेक्रेटरी बने बैठे हैं और आदेश करते हैं। दूसरा कोई काम नहीं करते हैं। अधिवेशन बुलाने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष का है, वो मैं हूं।”
पार्टी से निकाले जाने पर क्या बोले रामगोपाल?
– रामगोपाल बोले, ” मैं लखनऊ बहुत कम आता हूं। एडमिनिस्ट्रेशन में दखल नहीं देता। सिफारिशें नहीं करता। मुझे काम के लिए किसी सरकार की दरकार नहीं है।”
– “जो कार्यवाही नेता जी ने की है, वो असंवैधानिक है। आपातकालीन सम्मेलन कोई भी बुला सकता है। देखना अब 403 नामों की लिस्ट जारी होगी।”
पार्टी का अध्यक्ष गलत काम कर रहा है
– रामगोपाल ने कहा, “पार्टी का अध्यक्ष गलत काम कर रहा है। पार्लियामेंट्री बोर्ड की एक भी मीटिंग नहीं हुई, फिर कैसे उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो गई?”
– “मुलायम को भी हरकतों की पूरी जानकारी नहीं है। सम्मेलन इसलिए बुलाया गया है कि जो कुछ आज पार्टी में हो रहा है वो असंवैधानिक है।”
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जिन्हें टिकट दिया वो जमानत भी नहीं बचा सकते
– रामगोपाल ने कहा, “जिन्हें टिकट दिया गया वो जमानत भी नहीं बचा सकते। ये तो हर जगह हो रहा है। एक ऐसी महिला को टिकट दिया गया जो जमानत नहीं बचा सकती।”