शासन ने सीधी भर्ती के रोस्टर में एक बार फिर बदलाव करते हुए पहले क्रमांक अनुसूचित जाति के लिए तय कर दिया है। रोस्टर चार्ट में इसके बाद आरक्षण के हिसाब से अन्य श्रेणियों के पद तय किए गए हैं। इसमें पहला और छठा पद अनुसूचित जाति, सातवां पद अन्य पिछड़ा वर्ग, 10वां पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और 24वां पद अनुसूचित जनजाति के लिए रखा गया है। इसी तरह नए रोस्टर में आरक्षण के लिहाज से की गई पदों की गणना में क्षैतिज आरक्षण की गणना की जाएगी। क्षैतिज आरक्षण में इस बार उत्तराखंड के अनाथ बच्चों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसे हाल ही में पदोन्नति में आरक्षण हटाने के बाद संतुलन साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। शासन ने सभी विभागीय प्रमुखों को नया रोस्टर भेजकर इसी आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नया रोस्टर जारी होने के बाद कर्मचारी भड़क गए हैं। जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की चेतावनी दी है।
देश में सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए 19 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दस प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यानी सौ पदों में 19 पद अनुसूचित जाति व जनजाति, 14 पद अन्य पिछड़ा वर्ग, 10 पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अनुसूचित जनजाति के चार पद हैं। प्रदेश ने बीते वर्ष सितंबर में आरक्षण रोस्टर में बदलाव किया था।
इसमें अनुसूचित जाति को आरक्षण के लिहाज से छठवें, अन्य पिछड़ा वर्ग को आठवें, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 वें और अनुसूचित जनजाति को 25 वें क्रम में रखा गया। इसका अनुसूचित जाति जनजाति के कार्मिकों ने विरोध किया था। इसे देखते हुए सरकार ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी संस्तुति में पूर्व की व्यवस्था को बहाल करते हुए पहला पद अनुसूचित जाति के लिए रखने की सिफारिश की।
इसी के आधार पर अब नया रोस्टर चार्ट लागू किया गया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि नियुक्ति प्राधिकारी विभाग में सीधी भर्ती के कार्मिकों की नई व्यवस्था के अनुसार रोस्टर पंजिका तैयार करेंगे। संवर्गीय रोस्टर बनाने के बाद सामान्य व आरक्षित पदों के लिए क्षैतिज आरक्षण की गणना तैयार करते हुए रोस्टर पंजिका बनाई जाएगी। नियुक्ति प्राधिकारी हर माह विभागीय रिक्तियों के आधार पर रोस्टर पंजिका को अपडेट करेंगे। इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी बनाया जाएगा, जो हर माह की 15 तारीख तक शासन को रोस्टर पंजिका समेत रिक्तियों की जानकारी उपलब्ध कराएगा।
ऐसा न होने पर नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। नियुक्ति प्राधिकारी सीधी भर्ती के लिए समय-समय पर इसकी सूचना संबंधित आयोग को भेजेंगे। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्षैतिज आरक्षण के अंतर्गत जिन श्रेणियों में चयन के लिए पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलेंगे, ऐसे चयन में दिव्यांगजन श्रेणी के रोस्टर क्रमांक को बैकलॉग के लिए रिक्त रखा जाएगा। तथा शेष श्रेणियों में उसी वर्ग के ही प्रवीणता क्रम में सामान्य चयन की कार्यवाही करा ली जाएगी।
दिव्यांगजनों को क्षैतिज आरक्षण उन्हीं सेवा संवर्गो में दिया जाएगा, जिन्हें समाज कल्याण विभाग ने विभागों व संवर्गो के लिए निर्धारित किया है। शासन ने सीधी भर्ती से लिए रोस्टर प्रणाली को ऑनलाइन करने के लिए सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने सेवा संवर्गो में आरक्षित श्रेणी के बैकलॉग पदों की जानकारी शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।
सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था
- अनुसूचित जाति- 19 प्रतिशत
- अन्य पिछड़ा वर्ग-14 प्रतिशत
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग- 10 प्रतिशत
- अनुसूचित जनजाति-04 प्रतिशत
प्रत्येक श्रेणी में क्षैतिज आरक्षण की गणना
- उत्तराखंड महिला -30 प्रतिशत
- भूतपूर्व सैनिक – 05 प्रतिशत
- दिव्यांगजन – 04 प्रतिशत
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित -02 प्रतिशत
- उत्तराखंड के अनाथ बच्चे पांच प्रतिशत