लगन और ईद बीतने के बाद प्रशासन ने कपड़ा और सराफा बाजार खोलने की अनुमति दे दी है। रोस्टर के आधार पर बुधवार से दुकानें खोली जाएंगी। दुकानें खोलने के लिए व्यापारी कई दिनों से प्रशासन के अफसरों से गुहार लगा रहे थे। हालांकि अब अनुमति मिलने से व्यापारी बहुत खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में कोई त्योहार नहीं है इसलिए बाजार में दम नहीं रहेगा।
लॉकडाउन के साथ ही सभी तरह की दुकानें बंद करा दी गई थीं। 20 अप्रैल के बाद सरकार ने रोस्टर के आधार पर दुकानों को खोलने की अनुमति दी लेकिन जिला प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए कपड़ा, सराफा, श्रृंगार, जूता-चप्पल आदि की दुकानें खोलने के लिए कोई आदेश नहीं दिया। व्यापारियों की मांग थी कि ईद के पहले बाजार खोलने की अनुमति दी जाए। डीएम की अध्यक्षता में इसे लेकर बैठक भी हुई लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
उधार पर जाता है माल
गोरखपुर के कपड़ा और सराफा बाजार में बिहार और नेपाल से भी व्यापारी आते हैं। सामान्य दिनों में यहां रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है। ज्यादातर माल उधार पर जाता है। व्यापारी नया ऑर्डर देते हैं और पुराने माल का भुगतान करते हैं। बाजार बंद रहने के कारण नया ऑर्डर आया नहीं और पुराने माल का अब तक भुगतान नहीं मिल पाया है।
बगल के जिलों में दुकानें खुलने का भी नुकसान
लॉकडाउन में गोरखपुर के बगल के अधिकांश जिलों में प्रशासन ने सशर्त दुकानें खोलने की अनुमति दी थी। इसका फायदा वहां के व्यापारियों को हुआ। गोरखपुर में बंदी के कारण छोटे व्यापारियों ने उन्हीं जिलों के व्यापारियों से माल खरीद लिया। यही कारण है कि गोरखपुर में दुकानें खोलने के आदेश से व्यापारी बहुत खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि बाजार में मांग नहीं रहेगी।
महापौर और उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
मंगलवार सुबह तकरीबन 10:30 बजे महापौर सीताराम जायसवाल और उत्तरप्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने व्यापारियों से बात कर बुधवार से दुकानें खोलने की जानकारी दी। उन्होंने व्यापारियों को बताया कि डीएम ने दुकानें खोलने की मांग मान ली है। पुष्पदंत जैन ने बताया कि दुकानें न खुलने से कपड़ा, सराफा और अन्य व्यापारी परेशान थे। ईद के पहले अनुमति न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ‘जीवन बचाना ज्यादा जरूरी है। अब अनुमति मिल गई है तो सभी को इसे खुशी से स्वीकार करना चाहिए, पुरानी बातें भूल जानी चाहिए।’
दुकान साफ करेंगे
थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश नेभानी और सराफा मंडल के अध्यक्ष पंकज गोयल ने कहा कि दुकानें खोलने का निर्णय पहले ले लिया गया होता तो व्यापारियों को कुछ फायदा हो जाता। अब दुकानें खोलकर पहली प्राथमिकता सफाई करनी है। हम ने दुकान न खोलकर भी अपने कर्मचारियों को पूरा भुगतान किया है। हम सभी सुरक्षा उपाय करेंगे।