केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से देश को अनलॉक किए जाने की शुरुआत कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 के नाम से 30 जून तक के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें लॉकडाउन को सिर्फ कोरोना के कंटेनमेंट जोन तक ही सीमित करने की बात कही गई है। मंत्रालय ने कंटेनमेंट जोन के अलावा पूरे देश में प्रतिबंधों को तीन चरण में हटाने का खाका पेश किया है। आइये जानते हैं आने वाले दिनों में लॉकडाउन से तीन चरणों में कैसे मिलेंगी चरणबद्ध राहतें और कब-कब क्या-क्या खुलेगा…
पहला फेज
पहली जून से सभी बाजारों को खोलने के बाद आठ जून से मंदिर एवं अन्य धर्मस्थलों को खोला जाएगा। होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल को भी शर्तों के साथ परिचालन की अनुमति मिलेगी।
दूसरा फेज
स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टिट्यूट खुल सकेंगे लेकिन इनके बारे में राज्य सरकारें स्कूलों और बच्चों के माता-पिता से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेंगी। हालांकि जुलाई में ही तय होगा कि स्कूल खोले जानें हैं या नहीं।
तीसरा फेज
इस फेज में इंटरनेशनल फ्लाइटों, मेट्रो रेल सेवाओं, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहों को आम लोगों के लिए खोने जाने की बात कही गई है। इसी चरण में सामाजिक, राजनीतिक रैलियां, स्पोर्ट्स इवेंट, अकादमिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक समारोह और बाकी बड़े जमावड़े शुरू किए जाने की बात है। इसकी तारीख तय नहीं है। इन्हें शुरू करने का फैसला हालात का जायजा लेने के बाद ही होगा।
ये सेवाएं निर्बाध जारी रहेंगी
जारी गाइडलाइन के मुताबिक, घरेलू विमान सेवाएं, श्रमिक ट्रेन एवं अन्य रेल सेवाएं जारी रहेंगी और इसके एसओपी में समय-समय पर बदलाव भी किए जाते रहेंगे।
इन मामलों में नहीं मिलेगी छूट
– देशभर में 30 जून तक रात नौ से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा
– पान, बीड़ी, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट के उपभोग पर पूरे देश में प्रतिबंध जारी रहेगा
– कंटेनमेंट जोन में और कड़ाई से लागू होंगी लॉकडाउन की पाबंदियां
– शादी में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों के शामिल होने की ही इजाजत
रात के कर्फ्यू में राहत
जारी गाइडलाइन के मुताबिक, रात का कर्फ्यू जारी रहेगा लेकिन जरूरी सेवाओं के लिए कर्फ्यू का नियम लागू नहीं होगा। यही नहीं अब पहले की तरह शाम सात से सुबह सात बजे तक नहीं बल्कि रात नौ से सुबह पांच बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू रहेगा। हालांकि इस दौरान आम लोगों को घर से बाहर निकलने पर रोक रहेगी।
राज्यों में आवाजाही की छूट
एक से दूसरे राज्य में जाने का प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। यही नहीं राज्य में भी लोग एक जिले से दूसरे जिले में जा सकेंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। कहीं आने जाने से पहले किसी की कोई इजाजत लेने या ई-परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी।
सार्वजनिक स्थानों पर पालन करने होंगे ये नियम
यात्रा के दौरान या सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को मास्क लगाना जरूरी होगा। साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी होगा। यही नहीं सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर जुर्माना लगाया जाएगा। भीड़ पर पाबंदी होगी। शादी समारोह और अंतिम संस्कार में सीमित संख्या में लोग जमा होंगे।
दफ्तरों में होगी थर्मल स्क्रीनिंग
अनलॉक-1 में एक जून से सभी दफ्तरों को पूरी तरह खोलने की इजाजत दे दी गई है। लेकिन दफ्तर में छह फीट की दूरी और सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग करना होगा। इसके साथ ही गाइडलाइंस में दफ्तरों में कर्मचारियों को आरोग्य सेतु के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। जहां तक संभव हो वर्क फ्रॉम होम और दफ्तर में काम के समय को अलग-अलग घंटों में बांटकर शारीरिक दूरी का पालन किया जा सकता है।
कंटेनमेंट जोन में लागू रहेंगी सख्त पाबंदियां
कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन का पांचवां चरण लागू रहेगा। इन जोनों का निर्धारण जिला प्रशासन स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के आधार पर लेगा। कंटेनमेंट जोन में केवल बेहद जरूरी गतिविधियों की ही अनुमति होगी। मेडिकल इमरजेंसी सेवा और आवश्यक आपूर्ति को छोड़कर इन इलाकों में लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी। यही नहीं कंटेनमेंट जोन में मरीजों की पहचान के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी होगी। सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर निगरानी का काम करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे।
कंटेनमेंट जोन के बाहर ये राहतें
जारी गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के अंदर तो सब कुछ बंद रहेगा लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से बाकी गतिविधियों की चरणबद्ध तरीके से वापसी होगी। हालांकि, इनके साथ शर्तें लागू रहेंगी।
बच्चे-बुजुर्गों को घरों में रहने की सलाह
सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और 10 साल से कम के बच्चे घरों से बाहर तब तक नहीं निकलें जब तक कि कोई मेडिकल इमरजेंसी या अत्यंत जरूरी कार्य ना हो।
आरोग्य सेतु एप पर निर्देश
केंद्र सरकार की ओर से कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर कर्मचारी के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल हो। जिला प्रशासन की ओर से आम लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहा जा सकता है। सरकार की दलील है कि आरोग्य सेतु एप की मदद से कोरोना के खतरे के बारे में जानकारी मिल जाती है।
राज्यों को मिले ज्यादा अधिकार
पहले ही रिपोर्टों में कहा गया था कि लॉकडाउन के अगले चरण में आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा तरजीह दी जाएगी। यही नहीं राज्य सरकारों को ज्यादा जिम्मेदारी मिलेगी उसी के अनुरूप इस बार राज्यों को अधिक ताकत दी गई है। राज्य सरकारें तय करेंगी कि कैसे राज्यों में बसें और मेट्रो सेवाएं शुरू की जाएंगी। राज्य सरकारें अपने स्तर पर पाबंदियां लगाने और राहतों पर कई फैसले ले पाएंगी।
राज्य सरकारें निर्धारित करेंगी बफर जोन
केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में राज्य सरकारें को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान करेंगी। बफर जोन में ऐसे इलाके होंगे जहां कोरोना संक्रमण के नए मामलों के आने का खतरा ज्यादा है। बफर जोन के अंदर भी पाबंदियां जारी रखी जा सकती हैं। राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकती हैं जबकि कुछ पर प्रतिबंधों को लागू भी कर सकती हैं।
अब तक का सफर
– 25 मार्च से 14 अप्रैल यानी 22 दिन के लिए लगा था पहले चरण का लॉकडाउन। इस दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूíत व सेवाओं के लिए छूट दी गई थी।
– 19 दिन का दूसरे चरण का लॉकडाउन 15 अप्रैल से तीन मई तक के लिए लागू किया गया। इसमें ग्रीन जोन में कुछ अतिरिक्त गतिविधियों को सशर्त अनुमति मिली।
– चार मई से 17 मई तक के तीसरे चरण के लॉकडाउन में ग्रीन जोन में ज्यादातर औद्योगिक गतिविधियों को सशर्त छूट दी गई। ऑरेंज जोन में भी राहत दी गई।
– 18 से 31 मई के चौथे चरण में कंटेनमेंट व बफर जोन के अतिरिक्त लगभग हर जगह राहत दे दी गई। हालांकि मॉल, धर्मस्थल होटल आदि अब भी बंद हैं।