इस बार भी बरसात में तैयार रहिए जलभराव झेलने के लिए। कोरोना का असर नाला सफाई पर भी पड़ा है। संक्रमण से निपटना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए नाला सफाई को लेकर तैयारी में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन फिर भी नगर निगम ने युद्धस्तर पर सफाई कर्मी लगाकर नालों की सफाई का अभियान छेड़ रखा है। सफाई कार्य अपनी गति से चल रहा है, लेकिन मानसून से पहले सभी नाले साफ हो पाएंगे, इसमें संदेह है। नगर निगम के अयोध्या और फैजाबाद जोन में अलग-अगल टीमें कार्य कर रही हैं, जिनकी निगरानी के लिए भी कर्मचारी लगाए गए हैं।
बरसात में जलभराव झेलना अयोध्या की नियति बन चुका है। रामनगरी सहित फैजाबाद शहर में बरसात के दौरान भीषण जलभराव का सामना लोगों को करना पड़ता है। इसके पीछे वजह मानसून पूर्व नालों की सफाई पूरी न होना है। नगर निगम ने नाला सफाई के लिए 31 मई तक लक्ष्य रखा था, जो बीत चुका है। अब दावा है कि छह जून तक सभी नालों की सफाई करा ली जाएगी। इस बार नालों की सफाई के पीछे नगर निगम अधिक मेहनत नहीं मान रहा है। इसलिए कि लॉकडाउन के दौरान कूड़ा कम निकला। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन होने की वजह से नाले और नालियों में कूड़ा कम एकत्र हुआ, जिससे अब सफाई में काफी मदद मिल रही है। शहर के अधिकांश नालों को साफ करने दावा नगर निगम की ओर से किया जा रहा है।
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जलभराव से झेलेगा जलवानपुरा
-रामनगरी का जलवानपुरा इसबार भी मानसून की मार झेलेगा। पिछली बरसात में इस इलाके में जलभराव होने से बरसात का पानी लोगों की दहलीज तक पहुंच गया था। इसे लेकर जनांदोलन हुआ था। यहां होने वाले जलभराव की समस्या का निदान कराने का दावा जनप्रतिनिधियों ने भी किया था, जो पूरा नहीं हो
सका है। ऐसे में यह क्षेत्र इसबार भी नगर निगम के पंप के भरोसे है।
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नगर निगम क्षेत्र में नाले-41
नाला सफाई गैंग में लगाए गए कर्मी-120
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नाला सफाई कार्य तेजी से कराया जा रहा है। कोरोना से निपटने के साथ ही नाला सफाई की प्लानिग भी कर ली गई थी। मानसून से पहले संपूर्ण नालों की सफाई करा ली जाएगी। 41 में 37 नालों की सफाई हो चुकी है।
सच्चिदानंद सिंह, अपर नगर आयुक्त