केरल में बीते दिनों एक गर्भवती हथिनी की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई थी. इसके बाद देश भर में इसे लेकर लोगों में गुस्से का माहौल रहा. सांसद मेनका गांधी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने केरल सरकार और राहुल गांधी पर जमकर हमला किया. वहीं, केंद्र सरकार ने गर्भवती हथिनी की मौत मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य से रिपोर्ट भी मांगी है.
इस घटना को कुछ दिन भी नहीं हुए कि अब केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कई तहसीलों में बंदरों को मारने की मंजूरी दे दी है. इसे लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार और बीजेपी सांसद मेनका गांधी पर पलटवार किया है.
बंदरों को मारे जाने के लिए केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना को लेकर रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, भाजपा के मुताबिक शायद ‘हनुमान जी’ के प्रतीक बंदरों को मारने का सरकारी लाइसेंस देना ”पशुओं के प्रति क्रूरता” में नही आता. सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक स्क्रीन शॉट डालते हुए ट्वीट किया, अब श्रीमती मेनका गांधी कहां गुम हैं?
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत प्रदेश की 91 तहसीलों में रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों को मारा जाएगा. अधिसूचना के मुताबिक, इन बंदरों को केवल निजी भूमि में नुकसान करने पर ही मारा जाएगा.
गौरतलब है कि बीते दिनों हथिनी की दर्दनाक मौत को मेनका गांधी ने हत्या बताया था. साथ ही उन्होंने केरल को देश का सबसे हिंसक राज्य कहा था. उन्होंने कहा था कि यहां लोग सड़कों पर जहर फेंक देते हैं, जिससे 300 से 400 पक्षी और कुत्ते एक साथ मर जाएं.
मेनका गांधी ने कहा था कि केरल में हर तीसरे दिन एक हाथी को मार दिया जाता है. मेनका गांधी के इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई थी. हथिनी की मौत पर मेनका गांधी ने कई बयान दिए थे. हालांकि, इस बयान को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, केरल के पलक्कड़ जिले में एक गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल के पास वाले गांव पहुंची, लेकिन वहां शरारती तत्वों ने अनानास में पटाखे भरकर हथिनी को खिला दिया. इसके हथिनी का मुंह और जबड़ा बुरी तरह से जख्मी हो गया.
इसके बाद हथिनी वेलियार नदी पहुंची, जहां तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही. बाद में उसकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. वहीं, गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.