धार्मिक स्थल खुलने के बाद पड़ा पहला मंगल, बजरंग बली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगी कतार

कलियुग के एकमात्र जाग्रत देव बजरंग बली के दर्शन के लिए मंगलवार को खुले और बंद मंदिरों के सामने श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। अलीगंज का नया हनुमान मंदिर भले ही 15 तक बंद हो, लेकिन श्रद्धालुओं ने चैनल के बाहर से ही दर्शन किए। सोमवार को धार्मिक स्थल खुलने के बाद पड़े पहले मंगल पर हनुमान मंदिरों पर दर्शन करने की उत्सुकता नजर ाअाई। इसके चलते हनुमान सेतु मंदिर का गेट भी खोल दिया गया जिससे निर्वाद्ध रूप से बजरंग बली के दर्शन हो सकें, लेकिन अंदर जाने पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा। मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि मंदिर कमेटी ने यह निर्णय लिया है। प्रसाद और फूल चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा।

बजरंग बली के दर्शन के लिए भी श्रद्धालु सुबह ही आ गए थे। विश्व विद्यालय मार्ग पर बने गोले के बीच बाहर से श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंच मुखी हनुमान मंदिर में शारीरिक दूरी बना कर मास्क लगाए श्रद्धालु बारी-बारी से दर्शन करते नजर आए। प्रसाद और फूल के बगैर दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं ने बाबा से कोरोना मुक्ति की कामना भी की। पुजारी पवन मिश्रा बारी-बारी से दूर से बाबा के दर्शन कराने में लगे थे।

अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में भी बाहर से ही दर्शन का इंतजाम था। पुजारी शिवाकांत मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करने के लिए बजरंग बली का गुणगान कर रहे थे। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पक्कापुल के पुजारी श्रीराम ने बताया कि घंटा बजाने पर रोक है इसकी वजह उस पर कपड़ा बांध दिया गया। मास्क के साथ एक बार बार में एक श्रद्धालु को दर्शन कराया गया।

अलीगंज के नए हनुमान मंदिर के सामने भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिर प्रशासन ने 15 जून तक मंदिर बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में श्रद्धालु बंद मंदिर के बाहर से दर्शन करते नजर आए। गुलाचिन मंदिर, छांछी कुआं के साथ ही दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर हजरतगंज मेें दर्शन के लिए बनाए गए गोले में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मनकामेश्वर मंदिर में भी सुबह दूर से ही श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर दर्शन किए। महंत देव्या गिरि ने बताया कि सुबह शाम मंदिर अपने पुराने समय पर सुरक्षा इंतजामों के साथ खुलेगा। सभी को मास्क पहनकर आना होगा।

मस्जिदों और गुरुद्वारों में भी दिखा प्रतिबंध

धार्मिक स्थल खुलने के दूसरे दिन भी प्रतिबंध के साथ गुरुद्वारों में संगतों ने मत्था टेका तो मस्जिदों में पांच रोजेदारों ने मास्क के साथ नमाज पढ़ी। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि राजधानी के सभी 42 गुरुद्वारों में प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत ही संगतों का प्रवेश होगा। बड़े आयोजन नहीं होंगे।

गुरुद्वारा नाका हिंडोला, यहियागंज, सदर, आशियाना, मानसरोवर, आलमबा,पटेलनगर व चंदरनगर में भी प्रतिबंधों के साथ संगतों ने मत्था टेका। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि पांच नमाजी ही मस्जिद में नमाज पढ़ सकेंगे। शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने भी सभी को घरों में ही नमाज पढ़ने और मस्जिद में पांच लोगों को ही नमाज पढ़ने की अपील की है। आसिफी मस्जिद और टीलेवाली मस्जिद में भी बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित था। पांच लोगों ने ही नमाज अदा की।

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