Amrapali Builder Group Dispute: आम्रपाली बिल्डर प्रोजेक्ट विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम निर्णय सुनाया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निवेशकों के हित में कहा कि बैंक खरीददारों को लोन दें, जिससे आम्रपाली के रुके/अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकें।
बुधवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं, ऐसे में इसे उचित तरीके से देखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी निर्देश दिया है कि बिल्डरों द्वारा देरी से ब्याज चुकाए जाने पर अत्यधिक ब्याज नहीं लगाएं, जिससे उन पर बोझ न पड़े।
इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि फ्लोर एरिया रेशियो (Floor Area Ratio) को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और निवेशकों दोनों के लिए अहम निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद आम्रपाली के तमाम प्रोजेक्ट के कार्य में प्रगति आ सकती है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्णय में कहा कि संबंधित बैंकों और वित्तीय संस्थान निवेशकों के लोन को रिस्ट्रक्चर करें, साथ ही बकाया राशि को भी जल्द से जल्द रिलीज करें। बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी पैसों का इस्तेमाल बंद/रुके आम्रपाल के प्रोजेक्ट को गति देने में हो।
नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड को भी सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वह आम्रापाली मामले में अनुदान (Fund) के जमा करवाने और अधूरा प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए काम करें।
बता दें कि दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट रुके पड़े हैं। इनमें कुछ अधूरे हैं, तो कुछ प्रोजेक्ट में सालों से काम नहीं चल रहा है। इसमें हजारों निवेशकों के करोड़ों-अरबों रुपये फंसे हुए हैं।
गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 40 हजार निवेशक हैं, जो आम्रपाली के प्रोजेक्ट में पैसा लगाकर सालों से आशियाना मिलने का इंतजार कर रहे हैं।