शहर में कोरोना संक्रमण के फैलाव के बीच जाने ये खास बातें

शहर में कोरोना संक्रमण के फैलाव के बीच लोगों को लॉकडाउन में राहत भी मिलने लगी है। एक ओर जहां शहर में अभी भी एक हजार से अधिक एक्टिव मरीज हैं वहीं ढाई हजार से अधिक मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर लौट चुके हैं। अनलाॅक वन के बीच प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर शहर में बाजार खुल गए हैं और लोगों को अब आवश्‍यक सामग्री भी मुहैया होने लगी है। अलग-अलग क्षेत्रों में दी गई छूट पर नजर रखी जा रही है। हालांकि अनलॉक वन से क्‍या काेराेना पॉजिटिव केस में बढ़ोतरी हुई है यह 15 जून के बाद ही पता चल सकेगा। शारीरिक दूरी, संक्रमण से सावधानी और आवागमन में ऐहतियात के बीच मौसम के बदलते मिजाज से भी लोगों के मन में कई सवाल उमड़ते होंगे।

    • अगर सर्दी, खांसी और बुखार हुआ तो क्‍या करें

कोरोना से घबरायें नहीं, सतर्क एवं सावधान रहें। सर्दी, खांसी, बुखार एवं श्वास लेने में दिक्कत हो तो तुरंत नजदीक के फीवर क्लीनिक पहुंचें। इंदौर जिले में कोरोना वायरस से निपटने के लिये किये जा रहे प्रबंधों के तहत एक समारात्मक पहल करते हुए फीवर क्लीनिकों का संचालन किया जा रहा है। जिले में सर्दी खांसी, बुखार तथा सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों को अब इधर-उधर इलाज के लिये नहीं भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर कोरोना मरीजों की पहचान में भी आसानी हो रही है।

  • इंदौर जिले में संचालित हो रहे हैं 44 फीवर क्‍लीनिक

फीवर क्लीनिक में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। सर्दी, खासी, बुखार तथा सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज को नजदीक में ही स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। उन्हें इधर-उधर नहीं भटकना पड़ रहा है। जिले में 44 फीवर क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। फीवर क्लीनिक पर पहुंचने वाले मरीजों में कोरोना से संबंधित लक्षण पाए जाने पर उन्हें एमटीएच अस्पताल रेफर किया जाता है, जहां सैंपल लेकर और जांच के उपरांत आवश्यकतानुसार उपचार किया जाता है।

  • क्‍या फीवर क्‍लीनिक में उपचार निशुल्‍क है

फीवर क्‍लीनिक में निशुल्क इलाज होने के साथ दवाइयां भी निशुल्क वितरित की जाती हैं। इंदौर में कोरोना से निपटने के लिये जो 44 फीवर क्लीनिक स्थापित किये गए हैं इनमें से 19 इंदौर शहर में और 25 इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में बनाये गये हैं। मरीजों में कोविड-19 के संभावित लक्षण पाये जाने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजा जाता है। कोविड-19 के मरीजों को भेजने के लिये एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।

  • क्‍या सुरक्षित है फीवर क्‍लीनिक जाना

फीवर क्लीनिक में आने वाले मरीजों के लिये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। क्लीनिक के बाहर टेंट लगाये गये हैं। पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। फीवर क्लिनिकों में प्रभारी डॉक्टर द्वारा मरीज का प्राथमिक उपचार किया जाएगा। इन मरीजों का फॉलोअप लिया जाएगा, इन क्लीनिकों में इलाज के दौरान यदि अगर किसी मरीज में कोविड-19 से संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं,तो संबंधित मरीज को प्रभारी डॉक्टर द्वारा इंडेक्स, अरबिंदो या एमटीएच अस्पताल में बिना किसी विलंब के रेफर किया जाएगा।

  • इंदौर में कहां हैं फीवर क्‍लीनिक

इंदौर शहर में मल्हारगंज पॉली क्लीनिक, प्रेम कुमारी देवी चिकित्सालय, शिवाजी नगर, बाणगंगा, सुभाष नगर, अरण्य नगर ,निरंजनपुर, मांगीलाल चुरिया चिकित्सालय, खजराना, बड़ी ग्वालटोली, जूनी इन्दौर, राजेन्द्र नगर, सुदामा नगर, एमओजी लाईन्स डिस्पेसरी, बाबू मुराई, शिवकण्ठ नगर, सामाजिक कल्याण परिसर परदेशीपुरा,भंवरकुआ डिस्पेंसरी तथा बिचौली हप्सी में फीवर क्लीनिक बनाये गए हैं।

  • ग्रामीण क्षेत्र में कहां हैं फीवर क्‍ल‍ीनिक

ग्रामीण क्षेत्र में मानपुर, भगोरा, हसलपुर, कोदरिया, सिमरोल, गवली पलासिया, हरसोला, सिविल हास्पीटल महू, देपालपुर, बेटमा, अटाहेडा, धन्नड़, गौतमपुरा, जलोदियाज्ञान, पलासियापार, हातोद, पिवड़ाय, कम्पेल, तिल्लोरखुर्द, सांवेर, डकाच्या, शिप्रा, कुड़ाना, चन्द्रावतीगंज तथा पालिया में फीवर क्लीनिक खोले गए हैं।

  • क्‍या हैं ग्रीन-यलो-रेड श्रेणी के अस्‍पताल

जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बीच इंदौर के अस्पतालों को ग्रीन-यलो और रेड श्रेणी में विभाजित किया है।इंदौर के अरबिंदो अस्पताल को कोरोना संक्रमण से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिये यलो श्रेणी में भी निर्धारित किया गया है। दूसरी तरफ यह अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिये रेड श्रेणी में भी चिन्हित है। ग्रीन-यलो श्रेणी में दो दर्जन अस्पताल शामिल किए गए हैं। सर्दी-खांसी जैसे लक्षण वाले मरीजों के लिए यलो श्रेणी के अस्पताल हैं। वहीं अन्य सभी बीमारियों के उपचार के लिए ग्रीन अस्पताल हैं।

  • अस्‍पतालों के संबंध में परेशानी आए तो क्‍या करें

कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार में अगर किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है तो इस संबंध में अपर कलेक्टर संतोष टैगोर से माेबाइल नंबर 9826381964 पर संपर्क किया जा सकता है।

  • रेड श्रेणी के अस्पताल कौन से है

इंदौर जिले में रेड श्रेणी के अस्‍पतालों की सूची इस तरह है

मनोरमा राजे टीबी अस्पताल

चेस्ट सेंटर, एमवाय अस्पताल

एमटीएच अस्पताल

श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल

  • यलो श्रेणी के कौन से अस्‍पताल हैं

इंदौर जिले में यलो श्रेणी के अस्‍पतालों की सूची इस तरह है

प्रशांति अस्पताल महू

गोकुलदास अस्पताल

मयूर अस्पताल

सुयश अस्पताल

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज

अरिहंत अस्पताल

सिनर्जी अस्पताल

विशेष अस्पताल

  • ग्रीन श्रेणी के अस्‍पताल कौन से हैं

ग्रीन श्रेणी के अस्‍पतालों की सूची इस तरह है

मिलिट्री अस्पताल महू

एमवाय अस्पताल

सीएचएल

अपोलो राजश्री

भंडारी अस्पताल

मेदांता अस्पताल

लाइफ केयर अस्पताल

ग्लोबल एसएनजी अस्पातल

चोइथराम अस्पताल

ग्रेटर कैलाश

गुर्जर अस्पताल

बॉम्बे अस्पताल

एप्पल अस्पताल

शैल्बी अस्पताल

विशेष डायग्नोस्टिक सेंटर

क्योरवेल अस्पताल

सिटी नर्सिंग होम

यूनिक सुपर स्पेशलिटी सेंटर

लाहोटी मेडिकेयर

गीता भवन अस्पताल

इंदौर क्लॉथ मार्केट अस्पताल

नोबल अस्पताल, बिचौली हप्सी

  • उपचार की कितनी हैं सुविधाएं

इंदौर में वर्तमान में एमआरटीवी अस्पताल की बेड केपेसिटी 100 है। जिसमें 10 आईसीयू, 16 एचडीयू एवं 74 ऑक्सीजन फेसेलिटी वाले बेड हैं। इसी प्रकार एमटीएच अस्पताल के 220 बेड में से 40 आईसीयू ,180 एचडीयू तथा न्यू चेस्ट वार्ड में 35 आईसीयू तथा 65 ऑक्सीजन फेसेलिटी बेड हैं। कोविड- 19 के लिए इलाज हेतु प्रस्तावित बेड की संख्या 1146 है।

  • अब एमवाय अस्‍पताल जाएं या नहीं

इंदौर के एम वाय अस्पताल को अब पूरी तरह कोरोना संक्रमित मरीजों से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। मवाय अस्पताल में ना केवल इंदौर जिले से बल्कि संभाग से भी आसपास के व्यक्ति इलाज हेतु आते हैं। इसलिये यहां कोरोना के अतिरिक्त अन्य सभी मरीजों का इलाज पहले की ही तरह होता रहेगा।

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