नई दिल्ली। नया साल शुरु होते ही पीएम मोदी ने आम जनता को अच्छी सौगात देना शुरु कर दिया है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब से होटलों और रेस्टोरेंट्स में सर्विस चार्ज देना जरूरी नहीं होगा। बता दें कि तमाम होटलों और रेस्टोरेंट्स में 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक सर्विस चार्ज वसूल किया जाता था।
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सर्विस चार्ज
ध्यान रखने वाली बात यह है कि सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स में खासा अंतर होता है और ये छूट सर्विस चार्ज पर दी गयी है सर्विस टैक्स पर नहीं।
तो अब अगर आप अगली बार किसी रेस्त्रां या होटल में खाने-पीने जाते हैं और यदि वहां सर्विस चार्ज मांगा जाता है तो आप उसे मना कर सकते हैं। मोदी सरकार ने साफ किया है कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक है। इसे देने के लिए आप बाध्य नहीं हैं।
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केंद्र सरकार ने बताया कि सर्विस टैक्स सरकार के खजाने में जाता है। किसी भी एयरकंडीशंड रेस्त्रां में खाने-पीने पर सर्विस टैक्स देना अनिवार्य है। वहीं वैट और सर्विस चार्ज को हटाने के बाद बची रकम के 40 फीसदी पर सर्विस टैक्स देना होता है। जिससे टैक्स की दर मात्र 6 प्रतिशत ही रह जाती है और सर्विस चार्ज होटल या रेस्त्रां के गल्ले में जाता है। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने बताया कि ग्राहकों ने कई बार जबरन सर्विस चार्ज वसूले जाने की शिकायत की है। उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 के अनुसार यदि बिक्री बढ़ाने और वस्तु या सेवा मुहैया कराने के लिए यदि कोई अनुचित या भ्रामक तरीका अपनाता है तो उसे पूरी तरह अनुचित व्यापार व्यवहार होगा और ग्राहक उसके खिलाफ शिकायत भी कर सकता है।
ग्राहकों की शिकायत पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने होटल एसोसिएशन से सफाई मांगी थी। जिस पर एसोसिएशन का कहना था कि सर्विस चार्ज पूरी तरह से ग्राहक पर निर्भर करता है। यदि ग्राहक सेवा से खुश नहीं है तो वे इसे हटवा सकता है।मंत्रालय ने अब तमाम राज्य सरकारों को भी इस बारे में आदेश जारी कर कहा है कि वे अपने यहां के होटल और रेस्त्रां को निर्देश दें कि सभी अपने-अपने प्रतिष्ठानों में सर्विस चार्ज स्वैच्छिक और वैकल्पिक है का बोर्ड लगाएं।