आज कल के समय मे बमारियों का होना कोई बड़ी बात नहीं है. हर दिन लोगों में कोई न कोई बीमारी के लक्षण मिल ही जाते है. वहीं इन बीमारियों में से एक है थायराइड, जिसकी समस्या से आज हर कोई जूझ रहा है. क्या आप जानते है इस बीमारी के बढ़ने पर वजन में गिरावट और बढ़ोतरी होने लगती है. और हार्मोन्स में असंतुलन लगातार आ जाता है. इस संबंध में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड 10 गुना अधिक मात्रा में देखने को मिलता है. जहा डॉक्टरों का कहना है कि शरीर के अंगों के सामान्य कामकाज के लिए थायराइड हार्मोन आवश्यकता होती है, लेकिन इसमें असंतुलन हो तो यह समस्या बढ़ने लगती है. थायराइड के जुड़ी परेशानी का सबसे आम कारण ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (AITD) है. यह एक जेनेटिक यानी वंशानुगत स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न होने लगती है और थायराइड ग्रंथियों को ज्यादा हार्मोन निर्मित करने के लिए उत्तेजित करती है.
थायराइड दो तरह के होते हैं. पहले जानते हैं हाइपरथायरायडिज्म के लक्षणों के बारे में:
वजन घटना, हाथ कांपना
गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना
प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना
तेजी से दिल धड़कना, कमजोरी, चिंता और अनिद्रा
थायराइड का दूसरा प्रकार होता है, हाइपोथायरायडिज्म. इसके लक्षण हैं:
काम में सुस्ती, थकान, कब्ज
धीमी हृदय गति, ठंड,
सूखी त्वचा, बालों में रूखापन
महिलाओं में अनियमित मासिकचक्र
इन्फर्टिलिटी के लक्षण आदि
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