कांग्रेस पार्टी पूर्वांचल में अपना आधार मजबूत करने के लिए लगाने जा रही ब्राह्मणों पर दांव

कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों ने राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के यूपी मिशन 2022 को भेदने की ठाेस पहल शुरू कर दी है। पार्टी अब अपने पुराने व परंपरागत वोटर रहे ब्राह्मणों को अपने खेमे में लाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पूर्वांचल में खासतौर पर गोरखपुर-बस्ती मंडल में कांग्रेस अपना गढ़ मजबूत करने की तैयारी में है।

गोरखपुर से हुुुई शुरुआत

ब्राह्मण बाहुल्य देवरिया जनपद के सुयश मणि त्रिपाठी को प्रदेश किसान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। गोरखपुर के शहर अध्यक्ष पद पर भी आशुतोष त्रिपाठी की ताजपोशी भी पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी को मुख्य जोर पुराने कांग्रेसियों को एक फिर पार्टी की मुख्य धारा में लाना है। इसके लिए सप्ताह में दो बार बूथ व न्याय पंचायत स्तर पर बैठकें करने का निर्देश दिया गया है। इन बैठकों में पुराने निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की सूची तैयार कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कराने की भी योजना है। पार्टी को संगठनात्मक स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 जिलों के 10-12 कार्यकर्ताओं से पिछले वर्ष जुलाई में मुलाकात की थी। प्रियंका ने इस बैठक में पार्टी की कमजोरियां व भाजपा की मजबूती का कारण जानने के विशेष प्रयास किए थे। गाेरखपुर मंडल के चारो जनपदों के चुनिंदा कार्यकर्ताओं से यहां के बारे में फीडबैक भी लिया था, इसी आधार पर पार्टी नए पदाधिकारियों का चयन कर रही है।

न्याय पंचायत स्तर पर एकत्र किया जा रहा लोगों का डाटा

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र राम त्रिपाठी कहते हैं कि पूर्वांचल में पार्टी ब्राह्मणाें पर पूरा फोकस कर रही है। न्याय पंचायत स्तर पर भी लोगों का डाटा एकत्र किया जा रहा है। इसमें ऐसे भी लोगों की सूची तैयार की जा रही है, कि ऐसे कौन से लाेग हैं जो पहले कांग्रेस में रहे हैं या उनके खानदान का कोई पार्टी में रहा है। वह कहते हैं कि पूर्वांचल में ब्राह्मणों का गौरवशाली व प्रभावशाली अतीत रहा है, उसको पार्टी फिर से संजोने का कार्य कर रही है। यहां से पार्टी को मजबूत बनाने में ब्राह्मणों की मजबूत भागीदारी रही है। प्रदेश में कांग्रेस जबसे सत्ता से दूर हुई है ब्राह्मण खुद को अनाथ महसूस कर रहा है। भाजपा, सपा व बसपा ने ब्राह्मणों को सिर्फ छलने का कार्य किया है। ब्राह्मण वोट बैंक नहीं बल्कि विचारधारा है।

भाजपा में अपमानित हो रहा है ब्राह्मण

त्रिपाठी बताते हैं कि ब्राह्मणों ने जिस सम्मान की चाह में भाजपा की ओर रुख किया, उस सम्मान की बात तो दूर अब उन्हें हर कदम पर अपमानित किया जा रहा है। ब्राह्मण पूरी तरह से हाशिए पर हैं, यही कारण है कि ब्राह्मणों का अब कांग्रेस के प्रति रुझान बढ़ा है। कांग्रेस ने अभी तक प्रदेश में छह बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए हैं जबकि भाजपा, सपा व बसपा से अभी तक एक भी ब्राह्मण मुख्यमंत्री नहीं दिया है। इन दलों में ब्राह्मणों को न तो सम्मान मिलता है और न उनका हक। ब्राह्मण अपने हित की चिंता न कर समाज व देश के की बेहतरी के लिए सोचता है।

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