भारतीय मनीचेंजर पाकिस्तानी करेंसी लेने से इंकार कर रहे हैं, जिस कारण इसका हाल बुरा हो गया है। इसके पीछे नोटबंदी नहीं, बल्कि कुछ और वजह बताई जा रही है।
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दरअसल, भारत पाकिस्तान के बीच 2017 में आर्थिक हालात इतने नाजुक हैं कि भारतीय मनीचेंजर पाकिस्तान करेंसी लेने से इंकार कर रहे हैं। रिजर्व बैंक आॉफ इंडिया ने मान्यता प्राप्त मनीचेंजरों को हिदायत दी है कि वो पाकिस्तान करेंसी का लेनदेन बंद करने के आदेश जारी किए है। वैसे पाकिस्तान के 100 रुपयों का भारतीय रुपये 45 देने की बात कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तावी करेंसी अगर सौ रुपये है तो उसका दाम भारतीय 45 रुपये लगा रहे हैं।
पिछले दस सालों में पाकिस्तानी करंसी सबसे अधिक भारतीय करंसी के दामों में औधे मुंह गिरी है। अमृतसर मनीचेंजर एसोसिएशन के प्रधान हरजीत सिंह कहते हैं कि पाकिस्तान करेंसी का व्यापार करने में घाटा ही घटा है क्योंकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने आदेश जारी किए हैं कि पाकिस्तानी करंसी का लेनदेन करने वाले खुद जिम्म्वार होंगे। यही वजह है कि पाकिस्तानी करंसी का लेनदेन करने वाले अब पाकिस्तानी करंसी का व्यापार नही कर रहे हैं।
बता दें कि राम जन्म भूमि यानि का बाबरी मसजिद ते विवाद को लेकर पाकिस्तानी करंसी भारत के मुकाबले में आधा थी, लेकिन जब से भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की है पाकिस्तान करेंसी औधें मुंह गिरी है। नववर्ष पर पाकिस्तानी करंसी विभाजन के बाद सबसे कम आकंलन पर औंधे मुंह गिरी है। भारतीय मनेचेंजर जगजीत सिंह व प्रमोद कुमार बाबा कहते हैं कि पंजाब में पाकिस्तानी करेंसी का व्यापार ठप हो गया है।
भारत ने जब से स्ट्राइक आपरेशन पाकिस्तान में किया उसके बाद पाकिस्तान करंसी के दाम औंधे मुंह गिरे। यहां तक की अब बात करे तो भारतीय मनीचेंजर (मान्यता प्राप्त रिजर्व बैंक आफ इंडिया) भी पाकिस्तावी करंसी लेने से इंकार कर रहे हैं। लेकिन कानूनी तौर पर यही बता रहे हैं कि अगर पाकिस्तानी करंसी रिजर्व बैंक आ़फ इंडिया ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अग पाकिस्तानी करंसी के लेन देन में कोई बाधा आती है तो मनीचेंजर खुद जिम्मेदार होंगा। यही वजह है कि भारतीय मनीचेंजर पाकिस्तान करंसी को नजरदांज कर रहे हैं।