भविष्य में विमान टिकट अथवा बोर्डिंग पास में कंप्यूटर द्वारा बदलाव कर किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ नहीं हो सकेगा संभव

अगर आप हवाई यात्रा के लिए जरिये सफर करते हैं तो यह खबर आपके बेहद काम की है। भविष्य में विमान टिकट अथवा बोर्डिंग पास में कंप्यूटर द्वारा बदलाव कर किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ संभव नहीं हो सकेगा। यदि यात्री दूसरा विमान टिकट निकालता है तो उसपर ‘डुप्लिकेट’ का उल्लेख किया जाएगा। वहीं, बोर्डिंग पास में भी सुरक्षा संबंधी विशेष बारकोड दर्ज किया जाएगा। बार कोड स्कैन करते ही एयरपोर्ट कर्मियों को पता चल जाएगा कि वह असली है अथवा नकली।

एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था निर्धारित करने वाली एजेंसी ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में एयरलाइंस और हवाईअड्डा संचालकों को ई-बोर्डिंग और सेल्फ-चेक-इन सिस्टम को अपग्रेड करने को कहा है। ताकि टिकट और बोर्डिंग पास में किए गए किसी भी तरह की जालसाजी को रोका जाए।

दरअसल कोरोना काल में संक्रमण रोकने के लिए एयरपोर्ट पर यात्रियों व कर्मियों को एक दूसरे से कम से कम संपर्क हो इसके लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान सेल्फ-चेक-इन और ई-बोर्डिंग का सहारा लिया जा रहा है। हालांकि इस व्यवस्था में फर्जीवाड़ा किए जाने की संभावना बनी हुई है। इसके तहत बीसीएएस का किसी भी तरह का फर्जीवाड़ रोकना का प्रयास है। एजेंसी द्वारा जारी सर्कुलर में बोर्डिंग पास और विमाम के टिकट में बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल ई बोर्डंग के दौरान फर्जीवाड़े का खतरा अधिक रहता है। लिहाजा नए व्यवस्था लागू होने पर इसका खासा फायदा होगा।

यह भी जानें 

आइजीआइ एयरपोर्ट पर विश्व स्तरीय सिक्योरिटी होल्ड एरिया सुरक्षा प्लान लागू है। सिक्यूरिटी होल्ड एरिया (एसएचए) में यात्रियों की गहनता से तलाशी ली जाती है। एयरपोर्ट के बाहर तैनात क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के कमांडो हर हमले को विफल करने में सक्षम हैं। देश के प्रमुख 61 एयरपोर्ट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआइएसएफ पर है।

 

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