पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के छात्र आसिफ इकबाल तनहा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि गवाहों के बयान में आरोपी तन्हा समेत कई आरोपियों की भूमिका दिखी है और यह सब कुछ योजनाबद्ध किया जा रहा था.
कोर्ट ने कहा कि आरोपी आसिफ इकबाल तनहा दिल्ली हिंसा के दौरान चक्का-जाम करने की साजिश का हिस्सा था. अदालत ने 2 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि गवाहों के बयान के आधार पर आसिफ इकबाल का नाम पूरी साजिश में मुख्य समन्वयकों में से एक के रूप में सामने आया है.
24 वर्षीय आसिफ इकबाल तनहा को 19 मई को गिरफ्तार किया गया था और 27 मई से वह न्यायिक हिरासत में है. कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि इन गवाहों के बयानों का विवरण विस्तार से नहीं दिया गया है, क्योंकि मामले की जांच अभी चल रही है. कोर्ट ने कहा, ‘मुझे यह मानने में कोई हिचक नहीं है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप सही है.’
कोर्ट ने कहा कि भारत के संविधान के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ने आसिफ इकबाल तनहा को किसी भी कानून का शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है. फिलहाल, कोर्ट ने आसिफ इकबाल तनहा को जमानत देने इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
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