हुई युवराज सिंह की टीम इंडिया में वापसी इस वजह से

‘किंग ऑफ कमबैक’ कहे जाने वाले युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 टीम में वापसी की है। 35 वर्षीय ऑलराउंडर ने मार्च 2016 में भारत के लिए आखिरी टी-20 खेला था। वहीं युवी दिसंबर 2013 में आखिरी बार वनडे में नजर आए थे। युवी के टीम में चयन पर कुछ लोगों को हैरानी भले ही हो, मगर युवराज टीम में वापसी के लिए जाने जाते हैं।

हुई युवराज सिंह की टीम इंडिया में वापसी इस वजह से

 एक खास बात यह भी है कि युवराज आईसीसी टूर्नामेंट्स के हीरों हैं। टी-20 विश्वकप से लेकर वर्ल्ड कप 2011 तक, सभी में युवराज ने शानदार खेल दिखाया है। जून में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यह आखिरी सीमित ओवरों की सीरीज है। आइए जानते हैं वो बड़े कारण जिनके कारण युवराज की हुई टीम इंडिया में वापसी:
 युवी क अनुभव
मौजूदा टीम इंडिया में युवराज से ज्यादा वनडे किसी भी खिलाड़ी ने नहीं खेले हैं। धोनी भी इस मामले में युवी से पीछे हैं। अनुभव तलाश रही टीम इंडिया के लिए युवराज ने 293 वनडे मैचों में 8,329 रन बनाए हैं और 111 विकेट भी लिए हैं। युवराज सीमित ओवरों के क्रिकेट के मास्टर कहे जा सकते हैं और फॉर्म में हो तो एक मैच विनर साबित हो सकते हैं।
 घरेलु क्रिकेट में प्रदर्शन
युवराज ने घरेलु क्रिकेट में शानदार खेल दिखाया है। इस बात को चयनकर्ताओं ने भी माना कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने टीम के लिए खूब रन बनाए हैं। युवराज ने इस साल रणजी क्रिकेट के 5 मैचों में 84 की औसत से 642 रन बनाए। इसमें बड़ौदा के खिलाफ 260 रन की पारी भी शामिल है। युवराज ने 5 मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक बनाए हैं।
 बल्लेबाजी क्रम में गहराई
टीम इंडिया को हालिया समय में जो सबसे बड़ी दिक्कत आई है, वो है एक फिनिशर की। धोनी एक मैच फिनिशर हैं, मगर यदि धोनी नंबर 4 पर आते हैं तो फिर युवराज फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं। वहीं यदि युवी नंबर 4 पर आते हैं, तो धोनी मैच फिनिश कर सकते हैं। युवी के आने से बल्लेबाजी क्रम में गहराई और मजबूती, दोनों आती हैं। धोनी, पांडे और युवराज के बाद पांड्या के लिए नंबर 7 पर खेलना आसान हो जाता है।
 चैंपियंस ट्रॉफी 2017 की तैयारी
युवराज आईसीसी टूर्नामेंट्स में हीरो साबित होते रहे हैं। 2017 में इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यह आखिरी सीमित ओवरों की सीरीज होगी। युवराज एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं, जो मिडल ऑर्डर में अपने अनुभव का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत ने पिछली चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और यदि उसे अपने खिताब की रक्षा करनी हैं, वो उसे अदद बल्लेबाजी की जरूरत होगी।
 ऑलराउंड क्षमता
 टीम इंडिया के पास एक ऐसे ऑलराउंडर की कमी है, जो गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दे सके। युवराज ऐसे स्तर के खिलाड़ी हैं, जो ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी भी कर सकते हैं और कामचलाऊ बॉलिंग भी फेंक सकते हैं। पांड्या और जडेजा, दोनों ने खुद को बतौर ऑलराउंडर साबित नहीं किया है औऱ दोनों ही निचले क्रम में खेलते हैं। इस तरह भारत को एक अतिरिक्त बॉलर के साथ एक एक्स्ट्र ऑलराउंडर भी मिलता है।
 
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