आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर फर्राटा भरना अब न होगा आसान, ओवरलोड वाहन में सवारी करने से पहले जाने ये नियम

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर फर्राटा भरना अब आसान न होगा। यूपीडा लगातार यहां चलने वालों पर नियम कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। अब नए नियमों में एक्सप्रेस-वे पर वह ओवरलोड वाहन भी आएंगे। जो अपने चालू स्थान पर भले ही ओवरलोडिंग का जुर्माना भर चुके हों, लेकिन यदि एक्सप्रेस-वे के टोल से गुजरेंगे तो उनको दोबारा ओवरलोडिंग शुल्क यहां भरना होगा।

तय सीमा से कई गुना अधिक ओवरलोड करके ट्रक के साथ अन्य माल वाहन निकलते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि सड़क की क्षमता से अधिक भार पडऩे पर मार्ग क्षतिग्रस्त होता है। ओवरलोडिंग के कारण यह नजारा एनएचएआइ के अधिकतर मार्गों पर आम है। इसके कारण सड़क फटने, गड्ढे आदि जैसी समस्याओं से बेकार हो जाती है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर ओवरलोड लेकर चलने वाले ऐसे वाहन चालकों को दोबारा ओवरलोडिंग का टोल शुल्क देना होगा। इस स्थान से वह माल लादकर चलें हों वहां भले ही इस ओवरलोडिंग का जुर्माना भर चुके हों, लेकिन जैसे ही एक्सप्रेस-वे के टोल पर पहुंचेंगे। ऐसे वाहनों को अधिभार के मुताबिक दोबारा यहां पर शुल्क की भरपाई करनी होगी।

क्सएल के अनुसार वसूला जाएगा टोल

यूपीडा नोडल अफसर आइएएस रवींद्र गोडबोले ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के टोल पर अधिभार वाले वाले वाहनों पर यह नियम लागू किया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि जो भी वाहन अनुमन्य क्षमता से अधिक भार लादकर एक्सप्रेस-वे पर आता है। टोल पर पहुंचते ही उससे इस अधिभार का चार्ज लिया जाए। यदि वाहन चालक चालू स्थान से ही शुल्क अदायगी की जानकारी देता है फिर भी उसे यहां टोल सहित अधिभार का शुल्क देना होगा। यह शुल्क वाहन के एक्सएल के आधार पर लिया जाएगा।

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