इंडोनेशिया में शुक्रवार यानी आज सुबह 2 बजकर 18 मिनट पर तीव्र भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस हादसे में मरनेवालों की संख्या 34 पहुंच गई है जबकि 24 लोग घयाल बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, यहां आए भूकंप के तेज झटकों की वजह से अस्पताल में मरीज और स्टाफ फंसा हुआ है, जिनको निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि बचाव दल ने अस्पताल के मलबे के नीचे फंसे मरीजों और कर्मचारियों को बचाया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई गई है। भूकंप का केंद्र सुलावेसी आइसलैंड (Sulawesi Island) रहा।
बैंकॉक पोस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भूकंप के चलते एक होटल भी ध्वस्त हो गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र पश्चिम सुलावेसी की राजधानी मामुजु से 36 किलोमीटर दक्षिण में था और भूकंप की गहराई 18 किलोमीटर थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 7 सकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि भूकंप के बाद सूनामी की चेतावनी नहीं दी गई है।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को भी देश के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बताया जा रहा है कि भूकंप आने से कई जगहों पर भूस्खलन की भी खबर है। फिलहाल देश के हिस्सों में बिजली की सप्लाई काट देने की बात भी कही जा रही है।
2018 और 2014 में आ चुका है तीव्र भूकंप
बता दें कि इससे पहले भी इंडोनेशिया में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए जा चुके हैं।इससे पहले साल 2018 में 7.5 की तीव्रता के साथ सुलावेसी आइसलैंड के पास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान भी कम से कम 4,300 लोगों की मौत हुई थी और काफी लोग लापता भी हुए। साल 2004 में 26 दिसंबर को भी इंडोनेशिया में काफी तीव्र भूकंप आया था। इस दौरान भूकंप की तीव्रता 9.1 रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उस दौरान 222,000 लोगों की मौत हो गई थी।
इंडोनेशिया में क्यों आता है ज्यादा भूकंप
बता दें कि ज्यादातर तेज तीव्रता वाले भूकंप इंडोनेशिया में आता है। दरअसल, यह देश ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है। यहां की धरती के अंदर मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट्स आपस में अधिक टकराती हैं, जिससे भूकंप और ज्वालामुखी जैसी घटनाएं होती हैं।