लख़नऊ* : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के बाद चर्चा के बाद सुर्खियों में आयी सुनहरी शकरकंद किसानों की किस्मत को भी सुनहरा करेगी। सीएम सिटी (गोरखपुर) में फरवरी के तीसरे हफ्ते में तीन दिन आयोजित होने वाले सुनहरी शकरकंद महोत्सव में इसकी पृष्ठभूमि तैयार होगी।
दरअसल सुनहरी के पौष्टिकता के मद्देनजर आंगनबाड़ी के हॉट कुक्ड योजना और परिषदीय स्कूलों के मिड डे मील योजना में इसे शामिल करने का प्रस्ताव भी शासन को महोत्सव के दौरान भेजा जाएगा। ऐसा हुआ तो यह आयोजन सुनहरी शकरकंद की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
मालूम हो कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार झांसी के स्ट्राबेरी महोत्सव की तर्ज पर गोरखपुर में भी तीन दिवसीय सुनहरी महोत्सव का अायोजन होना है। इसकी संभावित तिथि 19 से 21 फरवरी है। चूंकि कार्यक्रम सीएम सिटी में होना है। लिहाजा आयोजकों की दिली इच्छा है कि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री करें। ऐसे में उनकी उपलब्धता के अनुसार आयोजन की तिथि की अंतिम घाेषणा की जाएगी।
40 से ज्यादा होटल/ रेस्टोरेंट में परोसे जाएंगे सुनहरी के पकवान
हाल के दिनों में आयोजन की तैयारियों के लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं। चंद रोज पहले अपर मुख्य सचिव उद्यान मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम के स्वरूप में विस्तृत चर्चा हुई। इसमें निदेशक उद्यान डाॅ.आरके तोमर के अलावा झांसी में स्ट्राबेरी का सफल आयोजन कराने वाले गौरव गर्ग और अन्य लोग मौजूद थे। मौके पर कार्यक्रम का स्वरूप क्या होगा। इस बाबत एक बैठक 29 जनवरी को गोरखपुर के एनेक्सी भवन के सभागार में हुई। तय हुआ कि महोत्सव का मुख्य आयोजन वहां के होटल रैडिसन में होगा। इस दौरान जिले के तकरीबन 40 प्रमुख होटल्स / रेस्टोरेंट में सुनहरी के व्यंजनों को स्टार्टर, मेन कोर्स और डेजर्ट के रूप में परोसा जाएगा।
विशेषज्ञ देंगे सुनहरी के पोषक तत्वों की जानकारी
लोग सुनहरी के पोषक तत्व, इसकी खेती के उन्नत तरीके, बाजार और बनने वाले व्यंजनों के बारे में जानें इस बाबत गोष्ठी भी होगी। इसमें विशेषज्ञों के साथ इसकी खेती करने वाले किसान भी अपनी बात रखेंगे। मकसद यह है कि लोग सुनहरी की खूबियों को जानें। इसकी मांग निकले और किसान इसकी खेती के लिए प्रेरित हों। मांग निकलने पर इसकी खेती करने वाले किसानों को उपज का वाजिब दाम मिलेगा। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी।
सुनहरी में मिलता है भरपूर मात्रा में बिटामिन ए
मालूम हो कि सुनहरी शकरकंद गंजी की ही एक प्रजाति है। आम शकरंकद और इसमें फर्क यह है कि काटने पर इसका गूदा गोल्डेन रंग का होता है। ऐसा इसमें उपलब्ध बीटा कैरोटीन की प्रचुर मात्रा के कारण होता है। मूल रूप से यह केन्या में पाई जाती है। गोरखपुर समेत पूर्वांचल और झारखंड के कृषि जलवायु क्षेत्र में इसकी खेती को प्रोत्साहन देने में गोरखपुर के कृषि वैज्ञािनक डॉ आरसी चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 100 ग्राम सुनहरी शकरकंद में बीटा कैरोटिन की मात्रा लगभग 20 ग्राम होती है। यह किसी व्यक्ति के लिए हफ्ते भर के लिए जरूरी विटामिन-ए की आपूर्ति कर देता है। इसमें मिलने वाला एंटी आक्सीडेंट यकृत और कैंसर जैसे रोगों के रोकथाम में मददगार है।