शोधकर्ताओं ने एक ऐसे एंजाइम का पता लगाया है, जिसे थाम कर प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जा सकता है। इस एंजाइम का नाम एमएपीके4 बताया गया है। अध्ययन में पाया गया है कि यह एंजाइम प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ावा देने वाले एंड्रोजन रिसेप्टर (एआर) और एकेटी को सक्रिय करता है। ये दोनों मॉलिक्यूल प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ाने वाले ज्ञात कारक माने जाते हैं।

अमेरिका के बायलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता असिस्टेंट प्रोफेसर फेंग यांग का कहना है कि इन मॉलिक्यूल को नियंत्रित कर एक मानक इलाज की संभावना दिख रही है। उन्होंने कहा कि हमारी रुचि एमएपीके4 की गतिविधियों की रोकथाम की खोज में है। इससे भविष्य में प्रोस्टेट कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसरों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा। पिछले अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने पता लगाया था कि एमएपीके4- एकेटी के जरिये न सिर्फ प्रोस्टेट कैंसर बल्कि फेफड़ा और आंत के कैंसर को बढ़ा सकता है।
जर्नल ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित ताजा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि एमएपीके4- एआर के संकेतक पथ को सक्रिय कर देता है। इसमें जीएटीए2 का उत्पादन बढ़ जाता है, जो एआर के संश्लेषण और सक्रियता का एक अहम कारक है। प्रयोगों में यह भी सामने आया है कि एमएपीके4 – एआर और एकेटी की सक्रियता को स्वतंत्र रूप से भी बढ़ा देता है, जिससे प्रोस्टेट कैंसर की वृद्धि तेज हो जाती है तथा एडवांस्ड या मेटास्टैटिक प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में बाधक बनता है। खास बात यह है कि यदि आनुवंशिक तरीके से एमएपीके4 पर चोट कर एआर और एकेटी की सक्रियता को कम किया जाना संभव हुआ तो कैंसर का विकास अवरुद्ध होगा। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एमएपीके4 को निशाना बनाने से इसकी संलिप्तता वाले कैंसर वृद्धि को कम किया जा सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर के मामले हाल के वर्ष में ज्यादा बढ़े हैं। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि के ऊतकों में विकसित होता है और अंतत: मूत्र प्रणाली और इसके कार्यो को प्रभावित कर सकता है। इसके सामान्य लक्षण हड्डियों में दर्द, मूत्र में रक्त और मूत्र विसर्जन के दौरान तनाव हैं। प्रोस्टेट कैंसर को स्वस्थ जीवन शैली अपना कर रोका जा सकता है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features