कपास और चीनी का व्यापार खुलता तो क्या होता भारत-पाक का रिश्ता #tosnews
पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने पिछले दिनों उस फैसले को पलट दिया जिससे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में थोड़ी नरमी की शुरुआत हो सकती थी। पाकिस्तान की आर्थिक मामलों की इकोनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी (ECC) ने देश में दो आयात के लिए मंजूरी दी थी, जिसमें एक कपास और दूसरा चीनी था। कमेटी का मानना था कि मौजूदा समय में जो कपास और चीनी की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से त किया जा रहा है वह काफी महंगा पड़ रहा है। #tosnews
भारत में यह दोनों चीजें काफी सस्ती हैं और वहां से पाकिस्तान पहुंचने में भी ज्यादा खर्च व समय नहीं है इसलिए इनकों खरीदने की मंजूरी देनी चाहिए। इस फैसले के 24 घंटे बाद ही पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार की कैबिनेट ने इसे नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीर में धारा 370 मामले को लेकर भारत पीछे नहीं हटता तब तक कोई व्यापार नहीं होगा। लेकिन अगर दोनों देशों के बीच कपास और चीनी का व्यापार शुरू हो जाता तो क्या होता। आइए जानते हैं।
दो साल बंद हुआ था कारोबार Business #tosnews
भारत और पाकिस्तान के बीच कपास cotton और चीनी sugar के आयात import का काम पिछले कई सालों से चल रहा था। लेकिन अगस्त 2019 में भारत के जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया और कारोबार से मना कर दिया। इसके बाद उसी साल हुए पुलवामा हमले में जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने भी पाकिस्तान के साथ कारोबार में कुछ कड़ी शर्तें जोड़ दी। इससे दोनों की तल्खी बढ़ती गई और आखिरकार कपास cotton और चीनी sugar भारत ने बंद कर दिया। इससे पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
पाकिस्तान में चीनी की मिठास होगी कम Sugar sweetness #tosnews
भारत चीनी और कपास के मामले में दूसरे देशों के काफी आगे है। यहां इस साल भी दोनों वस्तुओं का उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा हुआ है। भारत में ज्यादा एक टन चीनी 410 से 415 अमेरिकी डॉलर के हिसाब से दी जाती वहीं पाकिस्तान अभी उसे 700 रुपए टन अमेरिकी डॉलर के हिसाब से खरीद रहा है। पाकिस्तान के लोग इस हिसाब कसे 105 से 110 रुपए प्रति किलो चीनी खरीद रहे हैं, जबकि भारत से कारोबार होने के बाद यह 65 रुपए प्रति किलो में पाकिस्तान के लोगों को मिलती। भारत की ओर से अभी लंदन को 425 .50 अमेरिकी डॉलर के हिसाब से एक टन चीनी जा रही है। भारत में शुगर टेडर्स एसोसिएशन का कहना है कि भारत आयात कर सकता है उसे कोई समस्या नहीं है।
कपास में भी भारत आगे cotton #tosnews
पाकिस्तान में कपास का उत्पादन गिरने के बाद 24 फीसद तक कपास के दाम बढ़ गए हैं। जबकि भारत 10 लाख कॉटन बेल्स की मांग पूरी कर सकता है। भारत में कच्चा कपास ही 6000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लिया गया है,जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 5515 रहा है। भारत में लक्ष्य से ज्यादा 371 लाख बेल्स का उत्पादन हुआ है। जबकि पाकिस्तान में 12 मिलियन कॉटन बेल्स का उपयोग है। यहां सरकार के मुताबिक 7.7 मिलियन कॉटन बेल्स का उत्पादन हुआ। जबकि कपास उत्पादकों का कहना है कि सिर्फ 5.5 मिलियन बेल्स ही पैदा हुआ। पाकिस्तान अमेरिका, ब्राजील और उज्बेकिस्तान से कपास काफी महंगा खरीद रहा है, जबकि भारत में उसे सस्ता और जल्दी पहुंच सकने वाला कपास मिल सकता है।
पाकिस्तान को हो रहा दो लाख करोड़ रुपए का घाटा Disadvantage #tosnews
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान की जिद और पुलवामा हमले के बाद भारत का कड़ा रुख दोनों ही तरफ से पाकिस्तान को नुकसान हुआ। पाकिस्तान में कपास और चीनी के व्यापार में भारत से निर्भरता खत्म करने के बाद दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। पाकिस्तान में निजी क्षेत्र में चीनी की कमी को पूरा करने के लिए 0.5 मिलियन टन की आवश्यकता है, जिसके लिए भारत ही एक रास्ता है।
—–GB Singh